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होम लोन फाइनेंस कंपनी DHFL के कॉमर्शियल पेपर्स को डिफॉल्ट कैटेगरी में डाल दिए जाने के बाद उन म्यूचुअल फंड निवेशकों को करारा झटका लगा है, जिन्होंने इसके डेट फंड में निवेश किया था. वैल्यू रिसर्च के मुताबिक 22 म्यूचुअल फंड्स की 163 स्कीमों के पास DHFL के 5326 करोड़ रुपये के डेट इंस्ट्रूमेंट्स हैं. आप सोच सकते हैं कि इनमें निवेश करने वालों को कितना घाटा हो सकता है.
अगर आप भी डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको भी सतर्क होने की जरूरत है. म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को सलाह देने वाले डेट म्यूचुअल फंड स्कीम में बगैर सोचे-समझे निवेश करने से मना करते हैं. दरअसल डेट फंड अलग-अलग होते हैं और उनकी अपनी जटिलताएं होती हैं. इसलिए इनमें निवेश के वक्त ये सावधानियां जरूरी हैं
डेट म्यूचुअल फंड पर ब्याज दरों का काफी असर पड़ता है. ब्याज दर बढ़ना इन स्कीमों के लिए अच्छा नहीं होता. जबकि ब्याज दरें घटती हैं तो बॉन्ड के दाम बढ़ते हैं. ऐसा इसलिए कि यील्ड और बॉन्ड की कीमतों में उल्टा रिश्ता होता है. बॉन्ड के दाम बढ़ते हैं तो डेट म्यूचुअल फंड स्कीमों का एनएवी भी बढ़ता है.
DHFL के बॉन्ड में पैसा लगाने वालों को हुए घाटे से सबक लिया जा सकता है. कुछ स्कीमें ज्यादा रिटर्न के लिए कम रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करती हैं. लेकिन इनमें जोखिम होता है. DHFL इसका उदाहरण है. इसकी रेटिंग A4+ थी जो घट कर D हो गई. इसलिए यह देखना जरूरी है कि जिस कंपनी के बांड में आपका फंड हाउस या म्यूचुअल फंड स्कीम पैसा लगा रही है उसके डेट इंस्ट्रूमेंट्स की रेटिंग क्या है. कम रेटिंग वाले बॉन्ड या कॉमर्शियल पेपर में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसा न लगाएं.
किसी डेट म्यूचुअल फंड स्कीम इसलिए निवेश न करें के ये अच्छा रिटर्न दे रही है. सबसे पहले निवेश पीरियड का ध्यान रखें और इस हिसाब से फंड चुनें. अगर कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए पैसा लगाना चाहते हैं तो लिक्विड फंड चुनें.
कुछ सलाहकार इस समय डायनेमिक फंड में निवेश की सलाह दे रहे हैं. इसमें फंड मैनेजर स्कीम के पोर्टफोलियो में बदलाव करते रहते हैं. इन्हें जानना जरूरी होता है. डायनेमिक फंड की जटिलताएं भी ज्यादा होती है इसलिए इनमें सोच-समझ कर पैसा लगाएं
कम से कम 22 म्यूचुअल फंड के पास DHFL के डेट पेपर हैं. DHFL को 960 करोड़ रुपये के कर्ज का ब्याज मंगलवार को चुकाना है लेकिन लगता है कि वह इसमें नाकाम रहेगी. इसी वजह से इसकी कॉमर्शियल पेपर की रेटिंग घटा कर डी यानी डिफॉल्ट कर दी गई है. म्यूचुअल फंड निवेशकों को इससे काफी घाटा हुआ है.
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