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देश में नेशनल हाईवे और सड़कों का निर्माण करने वाले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NHAI कर्ज के बोझ से दब गया है. पीएमओ ने उसे चिट्ठी लिख कर फिलहाल सड़क बनाने पर रोक लगाने की नसीहत दी है
इस बारे में ब्लूमबर्गक्विंट के पास जो दस्तावेज हैं, उनके मुताबिक पीएमओ ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सेक्रेट्री को चिट्ठी लिख कर NHAI का ऑपरेशन परफॉरमेंस सुधारने का सुझाव दिया है. इस चिट्ठी में कहा गया है कि बगैर प्लानिंग और सड़कों के बहुत ज्यादा विस्तार से परियोजनाओं में रुकावट पैदा हो गई हैं. NHAI को सड़क निर्माण और जमीन अधिग्रहण के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है.
मिंट के मुताबिक पीएमओ ने इस समस्या से निपटने के लिए NHAI से मौजूदा संपत्तियों से पैसा कमाने का सुझाव दिया है. उसने इस दिशा में कुछ उपाय सुझाए हैं. इनमें शामिल हैं टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल, जिसमें सबसे बड़ी बोली लगाने वालों को टोल रेवेन्यू जमा करने के लिए लंबे समय तक छूट दी जाती है. इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्ट ट्रस्ट बनाने का भी सुझाव दिया गया है, जो इनकम पैदा करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट का प्रबंधन करता है.
पीएमओ ने कहा है कि NHAI चाहे तो रोड एसेट मैनेजमेंट कंपनी बना सकता है और नेशनल हाईवे ग्रिड का ब्लू प्रिंट तैयार कर सकता है. इसके जरिये यह तय किया जा सकता है कि 2030 तक कौन सी सड़कें बनानी हैं. पीएमओ ने कहा है कि एनएचएआई को यह देखना होगा कि कौन ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिनको पैसे की कमी की वजह से पूरा करना संभव नहीं हो रहा है. जरूरत पड़ी तो सरकार इसके लिए वाइबेलिटी गैप फंडिंग मुहैया करा सकती है.
वित्त वर्ष 2013-14 में नेशनल हाईवे बनाने की रफ्तार प्रति दिन 12 किलोमीटर थी लेकिन 2018-19 आते-आते यह स्पीड बढ़ कर 27 किलोमीटर प्रति दिन हो गई. इस वजह से NHAI का 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया. इस रफ्तार से वित्त वर्ष 2022-23 इसका कर्ज बढ़ कर 3.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है
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