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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं. कोरोनावायरस की वजह से दुनिया के कई हिस्सों में लॉकडाउन ने इसकी कीमतें और कमजोर कर दी हैं.इस वजह से क्रूड के दाम 30 डॉलर प्रति बैरल नीचे आ गए हैं. इसके बावजूद भारत में आम कंज्यूमर को महंगा पेट्रोल-डीजल ही खरीदना पड़ रहा है. शनिवार को लगातार पांचवें दिन भी पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई कमी नहीं गई है. बाजार मूल्य से जुड़ने के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत रोजाना अपडेट होती हैं.
भारत में कोरोनावायरस की वजह से अकेले मार्च के महीने में 11 फीसदी तक मांग घट चुकी है. लेकिन सस्ते क्रूड के बावजूद सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं किया है. दिल्ली में पेट्रोल के दाम 69.59 रुपये ही बने हुए हैं. पांचवें दिन यानी शनिवार को भी दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ.
शनिवार को पेट्रोल की कीमतें (प्रति लीटर)
शनिवार को डीजल की कीमतें (प्रति लीटर)
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि क्रूड की कीमत में भारी गिरावट के बावजूद सरकार पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी में और दो रुपये का इजाफा कर सकती है. पहले सरकार तीन रुपये की बढ़ोतरी कर चुकी है. इससे सरकार को 30 हजार करोड़ रुपये मिले हैं.
दरअसल सस्ते कच्चे तेल की कीमतें घटने बावजूद सरकार अगर पेट्रोल-डीजल की कीमत नहीं घटा रही है तो इसकी वजह यह है उसके खजाने में पैसा काम है. विनिवेश के जरिये जो पैसा खजाने में लाने की उम्मीद बन रही थी वह पूरी नहीं हुई है. कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से इस कार्यक्रम को झटका लगा है. सरकार के टैक्स कलेक्शन में भी कुछ कमी होने की आशंका है. इसलिए भी पेट्रोल-डीजल पर दाम नहीं घटा रही.
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