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प्याज की कीमतों ने रिटेल महंगाई दर को बढ़ा दिया है. अक्टूबर में रिटेल महंगाई (CPI) दर बढ़ कर 4.62 फीसदी पर पहुंच गई. सितंबर में यह 3.99 फीसदी थी. जुलाई 2018 के बाद यह पहली बार आरबीआई के मीडियम टार्गेट 4 फीसदी से ज्यादा हो गई है.
33 अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए ब्लूमबर्ग के सर्वे ने अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 4.35 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. लेकिन अब यह 4.62 फीसदी पर पहुंच गई है. अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर बढ़ कर 7.89 फीसदी पर पहुंच गई. सितंबर में यह 5.11 फीसदी थी
दरअसल खुदरा महंगाई दर बढ़ाने में प्याज की कीमतों का बड़ा हाथ रहा है. बाढ़ की वजह से महाराष्ट्र और कुछ दूसरे राज्यों से प्याज की सप्लाई धीमी हो गई थी. इस वजह देश के कई हिस्सों में प्याज की खुदरा कीमतें 80 रुपये किलो तक पहुंच गईं.
सरकार ने प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए एक लाख टन प्याज आयात करने का फैसला किया है. आयातित प्याज 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक बाजार में उपलब्ध होगा. प्याज वितरण के लिए नेफेड को जिम्मेदारी दी गई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शनिवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी.
खुदरा महंगाई दर में इस बढ़ोतरी से आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रही सरकार की दिक्कत और बढ़ेगी. इकनॉमी के कई मोर्चे पर निराशाजनक आंकड़ों के बीच सितंबर में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट 4.3 फीसदी तक पहुंच गई. अप्रैल 2012 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है. इसका मतलब यह है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट पांच फीसदी से भी नीचे पहुंच सकता है. जून तिमाही में ग्रोथ रेट 5 फीसदी पर पहुंच गया था, जो पिछले छह साल का सबसे निचला स्तर था. नोमुरा में सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट घट कर 4.2 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान लगाया है.
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