ADVERTISEMENTREMOVE AD

मंदी और गहराने का डर, SBI का अनुमान- इस साल 5% रह जाएगी GDP ग्रोथ

दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ गिरकर 4.2 परसेंट तक आ सकती है

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ गिरकर 4.2 परसेंट तक आ सकती है. लगातार ऑटो बिक्री के आंकड़ों में गिरावट, एयर ट्रैफिक मूवमेंट में कमी, कोर सेक्टर ग्रोथ में कमजोरी, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश में गिरावट जैसे आंकड़े ग्रोथ गिरने का कारण बन सकते हैं. पहली तिमाही में ही भारत की ग्रोथ रेट गिरकर 6 साल के निचले स्तरों 5 परसेंट पर आ चुकी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
SBI रिपोर्ट के मुताबिक- ‘हमारे कंपोजिट इंडिकेटर्स के आधार पर फाइनेंशियल ईयर 2019-20 की दूसरी तिमाही में ग्रोथ 5 परसेंट से गिरकर 4.2 परसेंट पर आ सकती है.’

इस रिपोर्ट में बताया गया है बेहद अहम 33 इंडिकेटर्स का जो एक्सलरेशन रेट पहली तिमाही में 65 परसेंट के करीब था वह दूसरी तिमाही में गिरकर 27 परसेंट हो गया है और ये चौंकाने वाला है. फाइनेंशियल ईयर 2019-20 के लिए भी सालाना ग्रोथ रेट का अनुमान 6.1 परसेंट से गिरकर 5 परसेंट पर आ गया है. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फाइनेंशियल ईयर को ग्लोबल स्लोडाउन के साथ तुलनात्मक रूप से देखा जाना चाहिए.

दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ गिरकर 4.2 परसेंट तक आ सकती है
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड, एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक ने भारत की ग्रोथ रेट में सुस्ती के संकेत दिए हैं.
ग्राफिक्स: कामरान अख्तर
अभी अर्थव्यवस्था के सामने चुनौती है कि कैसे बाजार में डिमांड बढ़ाई जाए. साथ ही बाजार भी अभी सरकार की तरफ से फिस्कल घाटे को कम करने के लिए कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहा है.

मूडीज ने भी भारत का आउटलुक नेगेटिव किया

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत को झटका देते हुए उसके क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से घटाकर नेगेटिव कर दिया. उसने कहा कि सरकार आर्थिक मोर्चे पर जारी सुस्ती को दूर करने में आंशिक रूप से नाकाम रही है. इसके चलते आर्थिक वृद्धि के नीचे बने रहने का जोखिम बढ़ गया है.

मूडीज ने भारत के लिए लॉन्ग टर्म में लोकल करेंसी जारी करने की रेटिंग तथा विदेशी मुद्रा रेटिंग को Baa2 रखा है. यह निवेश के लिहाज से दूसरा निचला ग्रेड स्कोर है.

SBI के अलावा भी दूसरी एजेंसी जैसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड, एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक ने भारत की ग्रोथ रेट में सुस्ती के संकेत दिए हैं.

इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 8 साल की बड़ी गिरावट

घरेलू अर्थव्यवस्था में नरमी बनी हुई है. इसका अंदाजा औद्योगिक उत्पादन के ताजा आंकड़ों से भी लगता है. 12 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और बिजली क्षेत्रों में उत्पादन में गिरावट के चलते सितंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन में 4.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. यह आठ साल में सबसे बड़ी गिरावट है.

यह लगातार दूसरा महीना है जब आईआईपी नीचे आया. इसके कारण आईआईपी में अक्टूबर 2011 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. उस दौरान इसमें 5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×