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पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में लगी आग ने आम आदमी की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है. दो दिन के ब्रेक के बाद बुधवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी हुई.
देश भर में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें 35-40 पैसे प्रति लीटर के बीच बढ़ीं, लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों पर स्थानीय करों के स्तर के आधार पर उनकी खुदरा दरें अलग थीं.
पिछले सप्ताह सोमवार और मंगलवार को ईंधन की कीमतें स्थिर रह थीं, लेकिन बुधवार और रविवार के बीच लगातार पांच दिनों तक फिर से दाम बढ़ने से पहले लगातार चार दिनों में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई थी।.12 और 13 अक्टूबर को दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था.
डीजल की कीमतों में तेजी से वृद्धि के साथ, देश के कई हिस्सों में ईंधन अब 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक पर उपलब्ध है. यह अंतर पहले पेट्रोल के लिए उपलब्ध था, जो कुछ महीने पहले देश भर में 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया था.
कच्चे तेल की कीमतें तीन साल के उच्च स्तर 86 डॉलर प्रति बैरल से अधिक बढ़ रही हैं, क्योंकि वैश्विक मांग स्थिर बनी हुई है, जबकि ओपेक प्लस उत्पादन में वृद्धि पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. 5 सितंबर से, जब पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में संशोधन किया गया था, तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत अगस्त के दौरान औसत कीमतों की तुलना में लगभग 9-10 डॉलर प्रति बैरल अधिक थी.
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