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मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने शुक्रवार को संकट में फंसे पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने 27 सितंबर को थॉमस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की पहल की थी लेकिन आरबीआई की ओर से नियुक्त प्रशासक जेबी भोरिया ने 'टेक्निकल इश्यू' का हवाला देकर इसमें देर कर दी. इससे पहले ईडी ने मुंबई और इससे लगे इलाकों में छह जगहों पर छापेमारी की और थॉमस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया.
इससे पहले आर्थिक अपराध शाखा ने एचडीआईएल के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन राकेश कुमार वाधवान और वाइस चेयरमैन सारंग कुमार वाधवान को गिरफ्तार कर लिया था. PMC बैंक ने अपनी कुल पूंजी का 73% अकेले इस रियल एस्टेट कंपनी को दे दिया था.
थॉमस ने इससे पहले ये मानने से इनकार कर दिया था कि किसी भी बोर्ड मेंबर को इस फ्रॉड की जानकारी है. लेकिन अब अपने कबूलनामे में थॉमस ने कथित रूप से वरयाम सिंह के अलावा कई और बोर्ड मेंबर के नाम लिखे हैं. उन्होंने कबूल किया कि कई लोगों को पता था कि HDIL ने डिफॉल्ट कर दिया है. फिर भी लोन दिया जाता रहा.
PMC बैंक और वाधवान परिवार के बीच रिश्ते बहुत पुराने हैं. थॉमस ने जो चिट्ठी RBI को लिखी उसके मुताबिक 1984 में स्थापना के दो साल बाद ही बैंक की हालत पतली हो गई थी. साल 1986 में PMC बैंक पर मेंबर्स के 'गैरकानूनी कामों' की वजह से बंद होने का खतरा मंडराने लगा था. तब उस वक्त के लैंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर राजेश वाधवान ने इस मामले में दखल दी थी और बैंक के लिए पूंजी जुटाई थी. राजेश HDIL के मौजूदा डायरेक्टर राकेश कुमार वाधवान के भाई हैं.
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