Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करना होगा जरूरी,कानून हो रहा है तैयार

प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करना होगा जरूरी,कानून हो रहा है तैयार

सरकार का मानना है कि प्रॉपर्टी और आधार लिंकिंग से ब्लैकमनी के खिलाफ अभियान और मजबूत होगा

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बिजनेस
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 सरकार का मानना है कि प्रॉपर्टी आधार लिंकिंग से ब्लैक मनी पर चोट होगी 
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सरकार का मानना है कि प्रॉपर्टी आधार लिंकिंग से ब्लैक मनी पर चोट होगी 
(फोटो : रॉयटर्स )

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सरकार काले धन के खिलाफ अपने एक और अभियान के तहत प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करना जरूरी कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करना जरूरी बनाने के लिए कानून तैयार करने के आखिरी चरण में है.

ब्लैक मनी और मनी लॉन्ड्रिंग पर काबू की कोशिश

सरकार रियल एस्टेट सेक्टर में हो रही खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़े को रोकने, मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी संपत्ति की समस्या से निपटने के लिए यह बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,सरकार प्रॉपर्टी ओनरशिप के लिए नया कानून लाने की तैयारी में है.इसके तहत अपनी फिक्स्ड एसेट्स के मालिकाना हक के लिए उसको आधार से लिंक कराना जरूरी होगा.

इससे जमीन-मकान की खरीदारी में धोखाधड़ी रोकने के साथ बेनामी संपत्ति का भी खुलासा होगा. दरअसल प्रॉपर्टी से जुड़े मामले राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हैं, इसलिए इस बारे केंद्र सरकार मॉडल कानून बनाकर राज्यों को देगी.

अवैध कब्जे को छुड़ाना हो सकता है आसान

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रॉपर्टी को आधार लिंक कराने पर अवैध कब्जे की स्थिति में छुड़ाना सरकार की जिम्मेदारी होगी. कब्जा न छुड़ा पाने की स्थिति में सरकार मुआवजा देगी. आधार लिंक नहीं कराने पर सरकार जिम्मेदारी नहीं लेगी. आधार को प्रॉपर्टी से लिंक कराना ऑप्शनल हो सकता है. अगर लोग चाहते हैं कि सरकार उनकी संपत्ति की गारंटी ले तो आधार लिंक कराना ही होगा.

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इससे संपत्ति की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की गुंजाइश कम हो जाएगी और अवैध कब्जों से सुरक्षा मिलेगी. इससे आसानी से लोन भी मिल सकेगा. सरकार के नए कानून में जमीन संबंधी कानूनी मदद के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था होगी. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर वालों की भी पहचान हो सकेगी. इससे संपत्ति की सूचनाएं पारदर्शी होंगी. मालिक और संपत्ति संबंधी सूचनाएं रियल टाइम अपडेट होंगी. संपत्ति से जुड़े मुकदमे कम होंगे, क्योंकि आधार से लिंक कराने के बाद संपत्ति की पड़ताल आसान हो जाएगी. योजनाएं तैयार करने और पॉलिसी बनाने में भी सरकार के पास सटीक आंकड़े उपलब्ध होंगे.

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