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पब्लिक सेक्टर बैंकों में इस साल अप्रैल से सितंबर तक 95 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की बात सामने आई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस फाइनेंशियल ईयर के पहले छह महीने में सरकारी बैंकों में 95,800 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है.
राज्यसभा में अपने लिखित जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए काफी बड़े और आहम उपाय किए गए हैं.
सरकार ने बैंक के साथ धोखाधड़ी करके भागने वाले लोगों की संपत्ति जब्त करने के लिए एक कानून इकनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट लेकर आई है.
उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक ने 25 हजार करोड़ रुपये के धोखाधड़ी की सूचना दी है. इसमें पंजाब नेशनल बैंक के 10 हजारकरोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा के 8 हजार करोड़ रुपये शामिल हैं.
बता दें कि देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी को अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत और फर्जी बैंक गारंटियों की वजह से 14 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था.
निर्मला सीतारमण का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पीएसयू या निजी बैंकों पर एनपीए का बोझ बढ़ गया है.
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