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कोरोना संकट की दूसरी लहर देशभर में कहर बरपा रही है. कई राज्यों ने सख्त लॉकडाउन लगाया है और इसका इंडस्ट्री, कारोबार पर बुरा असर पड़ना शुरू हो गया है. अब इकनॉमी को राहत पहुंचाने के लिए रिजर्व बैंक के गर्वनर ने 5 मई को कुछ ऐलान किए हैं. गवर्नर शक्तिकांत दास ने फार्मा सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान करते हुए हुए रेपो रेट पर 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज देने का ऐलान किया है. इसके अलावा छोटे, कारोबारियों SME के लिए रीस्ट्रक्चरिंग, राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट में राहत देने वाले फैसले किए हैं.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि- 'इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए रिजर्व बैंक 31 मार्च 2022 तक 50 हजार Cr के कर्ज देगा, ये कर्ज रेपो रेट के हिसाब से ही दिया जाएगा. इसके तहत बैंक वैक्सीन मैन्युफैक्चरर, स्वास्थ्य सुविधाओं, हॉस्पिटल और मरीजों को कर्ज दे सकते हैं.'
रिजर्व बैंक ने ऐलान किया है कि बैंकों को कमजोर सेक्टर को कर्ज देने के लिए आरबीआई सहयोग देगा. बैंक अपनी बैलेंस शीट में कोविड लोन बुक बनाएंगे. बैंक अपनी कोविड बुक के बराबर ही रकम रिजर्व बैंक के पास पार्क कर सकते हैं. इसके बदले बैंकों को रेपो रेट से 40 बेसिस पॉइंट ज्यादा ब्याज मिलेगा.
रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा है कि दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले भारत की रिकवरी अच्छी रही. कोरोना की दूसरी लहर ने भारत की इकनॉमी को प्रभावित किया है. दूसरी लहर से मुकाबले के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है. RBI की महंगाई पर कड़ी नजर बनी हुई है. दुनियाभर के सेंट्रल बैंक कदम उठा रहे हैं.
शक्तिकांत दास ने कहा- 'दुनिया की इकनॉमी का आउटलुक काफी अनिश्चित रहने वाला है और कई तरह के खतरों का अनुमान है. कोरोना वैक्सीन की उम्मीद के दम पर फाइनेंशियल बाजारों में तेजी देखने को मिली है.'.
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