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डॉलर के मुकाबले रुपए में तेज गिरावट सोमवार को भी देखने को मिली. रुपया 71 पैसे कमजोरी के साथ 72.45/$ की रिकॉर्ड गिरावट के साथ बंद हुआ. एक दिन में रुपए में 0.98% (करीब 1%) की गिरावट देखने को मिली है.
रुपए के टूटने के पीछे डॉलर की मजबूती, क्रूड ऑयल में आई तेजी और चालू खाता घाटे में बढ़ोतरी जैसे कारणों का हाथ माना जा रहा है.
मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने कहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट उन कंपनियों की वित्तीय साख के नजरिए से ठीक नहीं है, जो कंपनियां कर्ज तो डॉलर में लेती हैं, पर जिनकी कमाई रुपए में है.
साल 2018 में रुपया 13 प्रतिशत टूटकर 72.50 प्रति डॉलर से भी नीचे चला गया है. मूडीज ने कहा कि वह जिन कंपनियों की वित्तीय साख तय करती है, उनमें से अधिकतर फॉरेन एक्चेंज रेट में उतार-चढ़ाव के जोखिम से अच्छी तरह संरक्षित है.
मूडीज भारत में उच्च निवेश श्रेणी की 24 कंपनियों की रेटिंग करती है. इनमें से 12 अपनी ज्यादातर कमाई डॉलर में कमाई करती हैं. इन 24 कंपनियों में आईटी, ऑयल और गैस, केमिकल, वाहन, जींस, इस्पात और रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)
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