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जेएसडब्ल्यू ग्रुप (JSW Group) ऑफ कंपनीज के चेयरमैन सज्जन जिंदल (Sajjan Jindal) कंपनी की बोली में अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cement) के लिए 4.5 अरब डॉलर का दांव लगा रहे हैं. सज्जन जिंदल की जेएसडब्ल्यू ग्रुप में 14.5 अरब डॉलर (1.1 लाख करोड़ रुपये) है.
बैंकरों के मुताबिक जिंदल का योगदान शेयरों की बिक्री और निजी इक्विटी के साथ टार्गेटेड संस्थाओं की हिस्सेदारी गिरवी रखकर जुटाए गए कर्ज का एक कॉम्बिनेशन होगा. फाइनेंशियल टाइम्स ने मंगलवार को बताया कि जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन ने अंबुजा सीमेंट्स के लिए 7 अरब डॉलर की पेशकश की है, जिसमें निजी इक्विटी से 2.5 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट शामिल है.
बैंकरों का कहना है कि अडानी ग्रुप की बेहतर पेशकश की वजह से जिंदल की पेशकश पर्याप्त नहीं हो सकती है. अडानी ग्रुप ने प्रस्ताव को फंड देने के लिए कई मध्य पूर्व-आधारित सॉवरेन फंडों के साथ टाईअप किया है. जिसकी लागत लगभग 10 बिलियन डॉलर होगी, होल्सिम को दी जाने वाली नकदी (लगभग 6 बिलियन डॉलर) और अंबुजा और एसीसी दोनों के लिए खुले प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए.
अमेरिकी निजी इक्विटी प्रमुख अपोलो ने अधिग्रहण के लिए जेएसडब्ल्यू समूह को एक अरब डॉलर की पेशकश की है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक कई वेंचर हैं जो बीडेर्स के बीच चर्चा में हैं. यहां तक कि होल्सिम जेएसडब्ल्यू, अदानी और आदित्य बिड़ला समूहों सहित भारतीय समूह के गैर-बाध्यकारी प्रस्तावों (non-binding offers) का अध्ययन कर रहे हैं.
अगर यह अधिग्रहण सफल रहा तो भारतीय सीमेंट बाजार में जेएसडब्ल्यू की हिस्सेदारी करीब तीन फीसदी से बढ़कर 16 फीसदी हो जाएगी.
अंबुजा और एसीसी की क्षमता 64 मिलियन टन प्रति वर्ष है और इस अधिग्रहण विजेता अल्ट्राटेक के बाद भारत का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक बन जाएगा.होल्सिम जल्द ही विजेता के नाम की घोषणा करने की योजना बना रहा है और ओपन ऑफर सहित पूरा लेनदेन अगले साल मार्च तक पूरा हो जाएगा.
(न्यूज इनपुट्स - बिजनेस स्टैण्डर्ड)
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