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28 फरवरी का दिन शेयर बाजार के लिए आफत बनकर आया. सेंसेक्स करीब 1100 प्वाइंट टूटा और निफ्टी 11,300 के स्तरों के नीचे आ गया. कुछ ही मिनटों में निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारतीय बाजार गिर रहे हैं, दुनियाभर के बाजारों में अच्छी खासी कमजोरी देखने को मिल रही है और दुनियाभर के बाजारों में इस कमजोरी के पीछे का कारण बताया जा है कोरोनावायरस.
सेक्टर के लिहाज से देखें तो मेटल, रियल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, पब्लिक सेक्टर, कैपिटल गुड्स, ऑटो, बैंक यहां तक कि IT कंपनियों में खासी बिकवाली देखने को मिल रही है. बाजार गिरने की अहम वजह कोरोनावायरस को ही बताया जा रहा है. कहा जाता है कि बाजार बहुत सेंटीमेंटल होता है इस बार दुनियाभर के बाजारों पर कोरोनावायरस के सेंटीमेंट का बुरा असर देखने को मिल रहा है.
अमेरिका में 27 फरवरी को तीनों मेजर इंडेक्स जमकर टूटे. डाओ में एक दिन में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली. ये अब तक के इतिहास में चौथी बार 1000 प्वाइंट की गिरावट है. वहीं S&P 500 में 19 फरवरी को बाजार 12% की कमजोरी के साथ बंद हुआ था. वहीं एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में 2.5 परसेंट की कमजोरी देखने को मिली है. ऑस्ट्रेलियाई बाजारों में भी करीब 3% कमजोरी दिखी है और बाजार 6 महीने के निचले स्तरों पर है.
ग्लोबल फंड्स ने फरवरी में अपनी निवेश करने की रणनीति बदली है. उन्होंने अपने निवेश में से इक्विटी का हिस्सा घटाया है. रॉयटर्स के पोल के मुताबिक ग्लोबल फंड्स ने बॉन्ड्स में हिस्सेदारी बढ़ाई है.
चीन से फैला कोरोनावायरस अब दुनियाभर के लिए संकट बन गया है. दुनियाभर में कोरोनावायरस के 80 हजार से ज्यादा केस की पुष्टि हो चुकी है. वहीं पूरी दुनिया में अब तक 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. ईरान से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक कोरोनावायरस के चलते स्कूल बंद करने पड़े हैं. कई बड़े समारोह रद्द करने पड़े हैं और मेडिकल सप्लाई के स्टॉक बढ़ाए जा रहे हैं.
कोरोनावायरस की वजह से दुनियाभर में सप्लाईचेन पर असर पड़ा है. वायरस के संक्रमण की वजह से इंपोर्ट एक्सपोर्ट करने में दिक्कत पेश आ रही है. देश और दुनिया की फर्मों ने संकेत दिए हैं कि कोरोनावायरस के चलते उनकी बिक्री कम होने की संभावना है. घरेलू कंपनियों में टीवीएस ने कोरोनावायरस के चलते प्रोडक्शन कट की घोषणा की है. इसी महीने की शुरुआत में दुनिया की सबसे बड़ी टू व्हीलर बनाने वाली कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने 10 परसेंट प्रोडक्शन कट करने की बात कही थी.
दिसंबर तिमाही में भारत के ग्रोथ रेट में खासी कमजोरी देखने को मिली थी ग्रोथ रेट गिरकर 4.5 परसेंट पर आ गया है. हो सकता है निवेशक जीडीपी आंकड़ों का इंतजार कर रहे हों जिससे भारत की ग्रोथ स्टोरी का अंदाजा लग सके. रॉयटर्स ने जीडीपी पर पोल किया है जिसके मुताबिक तीसरी तिमाही में ग्रोथ 4.7 परसेंट के आस पास रह सकती है. उम्मीद की जा रही है कि ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी, प्राइवेट कंज्म्पशन और सरकारी खर्चे बढ़ने की वजह से इकनॉमी में हल्की सी रिकवरी देखने को मिले.
पिछले एक हफ्ते से ही बाजार की हालत खस्ता है. एक हफ्ते में सेंसेक्स करीब 2500 प्वाइंट टूट चुका है और निफ्टी भी करीब 800 प्वाइंट टूट चुका है. बैंकिंग और IT सेक्टर में खासी कमजोरी देखने को मिल रही है.
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