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शेयर बाजार (Share Market) में जोरदार तेजी है. 30 शेयरों वाला बीएसई का इंडेक्स सेंसेक्स (BSE Sensex) 65,000 के पार कारोबार कर रहा है वहीं एनएसई का इंडेक्स निफ्टी 50 (Nifty 50) 19,000 के पार है. 3 जुलाई को स्टॉक मार्केट ने रिकॉर्ड स्तर को छुआ.
लेकिन इस तेजी के पीछे के क्या-क्या कारण हैं? और अगर आप नए निवेशक हैं और इस तेजी का फायदा उठाना चाह रहे हैं तो पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर पढ़ें.
निफ्टी के सेक्टोरल इंडेक्स में बैंक (0.92%), FMCG (1.05%) और PSU बैंक (3.61%) सहित ज्यादातर स्टॉक्स में तेजी रही. वहीं ऑटो (0.27%), IT (0.47%), फार्मा (1.11%), हेल्थ केयर (0.94%) और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (0.22%) में गिरावट रही. साथ ही रुपये को डॉलर के मुकाबले मजबूती मिली और यह 81.95 रुपए पर बंद हुआ.
क्विंट हिंदी से बातचीत में फाइनेंशियल एक्सपर्ट और अर्थशास्त्री शरद कोहली ने इस तेजी के पीछे पांच कारण बताएं:
भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत होना, तेज होना, इस वक्त भारत की अर्थव्यवस्थी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो बाजार में तेजी का कारण है.
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPIs) का हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजार की ओर रुझान बढ़ा है. कुछ महीनों पहले विदेशी निवेशक लगातार पैसा निकाल रहे थे लेकिन अब वे भारी मात्रा में पैसा लगा रहे हैं. ये एक बड़ा कारण है कि शेयर बाजार ऊंचाइयों को छू रहा है.
मॉनसून जो पहले भारत में काफी देरी से आया. मॉनसून का समय एक जून होता है लेकिन इस बार मॉनसून 8 दिन देरी से आया लेकिन 2 जुलाई को खबर आई की मॉनसून ने अब पूरे देश को कवर कर लिया है, और ये रिकवरी तेजी से हुई है. पूरे देश में मॉनसून 8 जुलाई तक पहुंचता है लेकिन मॉनसून में आई इस तेजी ने बाजार के निवेशकों में उत्साह भरा जिसका असर देखने को मिला.
महंगाई का नियंत्रण में आना और ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी का सिलसिला रुकना एक और कारण है. जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ता है जिसे शेयर बाजार बहुत अच्छा नहीं मानता है.
इन चार कारणों से जो घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) हैं वे भी उत्साहित हैं और उन्होंने भी बाजार में वापसी की है जिससे बाजार गुलजार हुआ है.
शेयर बाजार में तेजी को देखते हुए नए निवेशक भी बाजार की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. क्विंट हिंदी से बातचीत में फाइनेंशियल एक्सपर्ट शरद कोहली ने कहा कि, "नए निवेशकों के लिए सलाह है कि इस चढ़ते हुए बाजार में आंख बंद कर पैसा ना लगाएं."
ऐसे में नए निवेशकों के लिए शरद कोहली तीन मंत्र देते हैं:
सीधे इक्विटी बाजार में निवेश करने की जगह सिस्टेमैटिक ढंग से पैसा लगाएं जिसे एसआईपी भी कहते हैं, क्योंकि म्यूचअल फंड के तहत पैसा लगाना थोड़ा सुरक्षित होगा.
कंपनी का चयन भी महत्वपूर्ण है. बड़ी कंपनियों के फंड में ही पैसा लगाएं, ऐसी कंपनी जिनके नतीजे अच्छे हैं, जो प्रॉफिट में रहती है, पैसा डालने से पहले फंडामेंटल्स देखें.
लॉन्ग टर्म निवेश ही करें, कम समय के लिए निवेश करने का कोई मतलब नहीं होता. शेयर बाजार/म्यूचअल फंड में निवेश लंबी अवधि के लिए ही करें.
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