Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चीनी पर भी मंदी की मार,घरेलू बाजार में घटने लगी है मांग 

चीनी पर भी मंदी की मार,घरेलू बाजार में घटने लगी है मांग 

2019-20 के दौरान चीनी की खपत ढाई करोड़ टन या इससे थोड़ा ज्यादा रह सकती है.यह इसके पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है

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चीनी का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों में ठहराव की वजह से भी इसकी मांग घट सकती है 
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चीनी का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों में ठहराव की वजह से भी इसकी मांग घट सकती है 
फोटो : रॉयटर्स 

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मंदी का असर चीनी की खपत पर भी पड़ने लगा है. चीनी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाले उद्योगों की ग्रोथ में ठहराव और दूसरे विकल्पों के इस्तेमाल की वजह से देश में चीनी की मांग घटती दिख रही है.

मिठास के दूसरे विकल्पों की वजह से भी घटी रही है मांग

ब्लूमबर्ग के मुताबिक मीर कमोडिटिज और गोल्डन एग्री-रिसोर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है देश में 2019-20 के दौरान चीनी की खपत ढाई करोड़ टन या इससे थोड़ा ज्यादा रह सकती है. हालांकि यह पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा कम है. गोल्डन एग्री-रिसोर्स के ट्रेडर केलम वॉकर का कहना है कि लोगों में स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी जागरुकता और चीनी इस्तेमाल करने वाले उद्योगों की ओर से दूसरे विकल्प आजमाने से मांग घट रही है.

भारत में अगले साल विकास दर कम रहने का अनुमान है. ऐसे में चीनी की घरेलू मांग कम रह सकती है. इससे आयात के लिए ज्यादा चीनी उपलब्ध रहेगी. लेकिन दुनिया भर में बढ़ी स्वास्थ्य चिंताओं की वजह से चीनी के कम इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. मिठास के लिए दूसरे विकल्पों को आजमाए जाने से ग्लोबल मार्केट में भी मांग ज्यादा रहने की उम्मीद नहीं है. कई देशों की सरकारों ने शुगर ड्रिंक्स पर टैक्स भी बढ़ाए हैं.
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चीनी की ग्लोबल खपत में भी कमी का अनुमान

इंटरनेशनल सुगर ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 सीजन में चीनी की ग्लोबल खपत 1.3 फीसदी कम रह सकती है. यह पांच साल की औसत खपत से थोड़ा कम है. वॉकर ने कहा कि दुनिया भर के प्रमुख बाजारों में स्वास्थ्य चिंताओं की वजह से चीनी की खपत में गिरावट साफ नजर आ रही है. शुगर इंडस्ट्री मैन्यूफैक्चरर्स के बदलते मैन्यूफैक्चरिंग फॉर्मूला पर ठीक से ध्यान नहीं दे रही है. मिठास के लिए वे कई दूसरे विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लिहाजा चीनी की मांग में गिरावट आ रही है.

भारत में 2019-20 के दौरान चीनी उत्पादन तीन करोड़ टन रहने का अनुमान है. पिछले साल की तुलना में यह कम है. देश के कई गन्ना उत्पादक राज्यों में सूखे की वजह से चीनी उत्पादन में यह कमी दर्ज की गई है.

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