अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है. रिलायंस कम्यूनिकेशंस जिस बुरे हालात में थी उसे देखते हुए ऐसा कयास लगाया जा रहा था. अंबानी के साथ ही छाया विरानी, रायना करानी, मंजरी कक्कड़ और सुरेश रंगचर ने भी निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है.
मुकेश की जियो अर्श पर अनिल की आरकॉम फर्श पर
आरकॉम ने बीएसई को बताया है कि डायरेक्टर और सीएफओ के पद से श्री मणिकांतन वी पिछले महीने ही इस्तीफा दे चुके हैं.इन सभी के इस्तीफे कंपनी की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स के सामने रखे जाएंगे. ई-सितंबर तिमाही में 30,142 करोड़ का घाटा हुआ. किसी भारतीय कंपनी का दूसरा बड़ा तिमाही घाटा है.एजीआर मामले में बकाया भुगतान के लिए 28,314 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग करने की वजह से इतना नुकसान हुआ. आखिर रिलायंस कम्यूनिकेशंस का यह हाल क्यों हुआ और अनिल अंबानी अपने एडीएजी ग्रुप के साथ ही लगातार आर्थिक तौर पर बेहद कमजोर कैसे हो गए? जबकि उनके भाई मुकेश अंबानी की कंपनी जियो दुनिया की सबसे बड़ी तेजी से बढ़ने वाली टेलीकॉम कंपनियों में से एक बन गई है.
संपत्ति के मामले में अब अनिल मुकेश के मुकाबले कहीं नहीं
भारी-भरकम निवेश और बेहद कड़े कंपीटिशन की वजह से रिलायंस कम्यूनिकेशंस का कर्ज 47,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. सितंबर 2016 में मुकेश अंबानी की कंपनी जियो की एंट्री आरकॉम की ताबूत में आखिरी कील साबित हुई. आरकॉम ने बैंकों से करीब 47 हजार करोड़ रुपये की कर्ज लिया है. इतने बड़े कर्ज को चुकाने के लिए अपनी संपत्तियों को बेचने में असफल रहने पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में दिवालिया याचिका दायर करने का फैसला किया.
स्वीडिश टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्शन ने उपकरण निर्माता एरिक्शन ने पिछले साल मई में आरकॉम को एनसीएलटी में घसीटा था. एरिक्शन का आरोप था कि आरकॉम ने उससे खरीदे गए उपकरणों के 550 करोड़ रुपये नहीं चुकाए.
इस बीच, अनिल अंबानी के ग्रुप की वित्तीय कंपनियों की भी हालत भी खराब हो गई है. जबकि इस बीच मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज का शानदार रिकार्ड कायम है. टेलीकॉम कंपनियों की ही बात करें तो रिलायंस की जियो ने रिलायंस जियो ने सितंबर तिमाही में 990 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया. जियो ने लगातार आठवीं तिमाही में यह मुनाफा कमाया है.
रिलायंस जियो के पास 35 करोड़ सब्सक्राइवर हैं और यह दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में से एक है. उसके मुकाबले अनिल अंबानी की स्थिति यह हो गई है कि उन्हें कर्ज में फंसी अपनी कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा देना पड़ा है.
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