Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019RBI के सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द,पावर कंपनियों को राहत

RBI के सर्कुलर को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द,पावर कंपनियों को राहत

जिन पावर कंपनियों से किसी कारण के चलते डिफॉल्ट हो गया है. अब वो IBC के तहत इनसॉल्वेंट नहीं होंगी 

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सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फरवरी 12 सर्कुलर को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “RBI का फरवरी 12 सर्कुलर कानून के दायरे से बाहर है.”

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से पावर कंपनियों को राहत मिली है. जिन पावर कंपनियों ने कर्ज लिया है और कुछ कारणों के चलते डिफॉल्ट हो गया है, अब बैंक उन कंपनियों के कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग कर सकेंगे.

अब तक के RBI के फरवरी 12 सर्कुलर में ऐसा नहीं किया जा सकता था. कंपनियों को IBC के तहत रिजॉल्यूशन की प्रक्रिया से गुजरना होता था.

क्या है RBI का फरवरी 12 सर्कुलर?

दरअसल RBI ने 2000 करोड़ से ज्यादा कर्ज वाली कंपनियों के लिए फरवरी 12 सर्कुलर के तहत बैंकों के डूबे कर्ज से निपटने की नई व्यवस्था तैयार की थी. इस रेगुलेशन के मुताबिक, अगर कोई कंपनी एक दिन का भी डिफॉल्ट करती है, तो बैंकों को रिजॉल्यूशन प्लान शुरू करना होता था. बैंकों के पास डिफॉल्ट के 180 दिनों के भीतर रिजॉल्यूशन प्लान लागू करना होता था. अगर बैंक ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खातों को इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड के तहत इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया में जाना होगा.

सर्कुलर को चुनौती

पावर, शिपिंग और शुगर की करीब 50 से ज्यादा कंपनियों ने इस सर्कुलर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी. सारी याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस रोहिंगटन नरीमन और विनीत सरन की बेंच कर रही थी.

याचिकाओं में दलील थी कि RBI का ये सर्कुलर असंवैधानिक है. इसमें सभी सेक्टर पर एक जैसे नियम लागू होते हैं. अगर कोई सेक्टर विशेष कुछ दिक्कतों से गुजर रहा है, तो ये सर्कुलर इस दिक्कत का समाधान नहीं करता है.

पावर कंपनियों की दलील थी कि बाहरी कारण के चलते उनको कारोबार में नुकसान हुआ और वो कर्ज की अदायगी तय समय पर नहीं कर सके.

“ये सर्कुलर खराब मैनेजमेंट के कारण कर्ज न चुकाने वाली कंपनियों और बाहरी कारणों से प्रभावित पेमेंट देर से मिलने वाली कंपनियों के बीच फर्क नहीं करता है”
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मुद्दे पर एक्सपर्ट्स की मिली-जुली राय देखने को मिल रही है.

कुछ एक्सपर्ट इस फैसले को कंपनियों और बैंकों के लिहाज से एकदम सही कदम बता रहे हैं, तो कुछ लोगों का मानना है कि इस फैसले से RBI की बैड लोन यानी NPA को काबू में करने की कोशिशों को झटका लगेगा.

फाइनेंशियल सर्विस देने वाली कंपनी EY के पार्टनर और नेशनल लीडर एबजर दीवानजी के मुताबिक ये फैसल चौंकाने वाला है. उनके मुताबिक, RBI का ये सर्कुलर कानून के दायरे के बाहर होगा, उन्हें ऐसा नहीं लगता था. अब यह बैंकों पर होगा कि कर्ज की रीस्‍ट्रक्‍चरिंग कैसे करनी है.

वरिष्ठ वकील साजन पोवैया के मुताबिक, अब RBI का सर्कुलर रद्द होने के बाद से रीस्ट्रक्चिरंग का दौर फिर से शुरू होगा.

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Published: 02 Apr 2019,02:56 PM IST

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