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यूको बैंक में 820 करोड़ रुपये के आईएमपीएस (UCO Bank IMPS Scam) से जुड़े कथित घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने राजस्थान और महाराष्ट्र के सात शहरों में 67 जगहों पर तलाशी ली है.
क्या है कथित यूको बैंक स्कैम? सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर में क्या लिखा है? सबकुछ यहां आपको बताते हैं.
नवंबर 2023 में अचानक यूको बैंक के कई अकाउंट होल्डर्स के खाते में पैसे आ गए थे. बैंक के कुल 41,296 अकाउंट में अचानक से पैसे आ गए थे. यूको बैंक के खातों में आई कुल राशि 820 करोड़ रुपये थी. काफी बड़ी रकम थी. हुआ ये था कि यूपीआई से पहले नेट बैंकिंग के जरिए RTGS/NEFT से पैसे एक खाते से दूसरे खाते में भेजे जाते थे. फंड ट्रांसफर में कई सारी जानकारियां मांगी जाती थी और एक खाते से दूसरे खाते में पैसा पहुंचने में घंटों लग जाते थे. इसके बाद यूपीआई बनाने वाली संस्था NPCI ने IMPS लॉन्च किया. IMPS यानी इमिडिएट पेमेंट सर्विस (Immediate Payment Service).
IMPS से फंड ट्रांसफर रियल टाइम में होने लगा था. लेकिन यूपीआई की तरह केवल पासवर्ड डालकर नहीं. IMPS करने के लिए भी NEFT के लिए मांगी जाने वाली सारी जानकारियां मांगी जाती है और फिर सेकेंड में फंड ट्रांसफर हो जाता है.
घटना 10-13 नवंबर 2023 में हुई. ट्रांसेक्शन की संख्या 8,53,049 है. इसमें कुल देशभर की 2,874 बैंकों की शाखाएं शामिल थीं. कुल 41,296 यूको बैंक अकाउंट में पैसा आया. ये पैसा 35 राज्यों की अलग-अलग बैंकों से आया जिसमें यूको बैंक शामिल नहीं है. अलग-अलग बैंकों से पैसा केवल यूको बैंक के ग्राहकों के खाते में आया.
यूको बैंक ने दर्ज की FIR के अनुसार, यूको बैंक के अकाउंट में पैसा आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, जाना स्मॉल फाइनेंस बैंक, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक, फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक, कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक और ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक से आया है.
सीबीआई ने मंगलुरु स्थित एलकोड टेक्नोलॉजीज के सपोर्ट इंजीनियर अविषेक श्रीवास्तव और सुप्रिया मलिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. यूको बैंक ने इस कंपनी को IMPS चैनल सहित बैंक के लिए मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन विकसित और उसे मेनटेन करने के लिए हायर किया था.
आरोप है कि सिस्टम में किए गए कथित बदलावों के कारण, कोर बैंकिंग सॉफ्टवेयर ने यूको बैंक के ग्राहकों के खाते में पैसा क्रेडिट (डिपोसिट) तो कर दिया, लेकिन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के माध्यम से पैसे भेजने वाले बैंक को संदेश नहीं भेजा.
यह भी पाया गया कि कई अकाउंट होल्डर ने अलग-अलग बैंकिंग चैनलों का उपयोग करके यूको बैंक से पैसा निकालकर दुरुपयोग किया और गलत प्रॉफिट कमाया.
इसी सिलसिले में राजस्थान और महाराष्ट्र के कई शहरों में सीबीआई ने तलाशी अभियान चलाया. सीबीआई को उन लोगों की तलाश है जिनके खाते में पैसा तो आया लेकिन उन्होंने बैंक को वापस करने की बजाय अपने पास ही रख लिया.
बैंक ने कहा कि बैंक ने 664 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है, लेकिन 156 रुपये की वसूली अभी बाकी है.
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