Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोविड की रोजी-रोटी पर चोट, एक महीने में 75 लाख नौकरियां गईं: CMIE

कोविड की रोजी-रोटी पर चोट, एक महीने में 75 लाख नौकरियां गईं: CMIE

CMIE के महेश व्यास ने चेताया है कि आने वाले वक्त में रोजगार को लेकर माहौल चुनौतीपूर्ण रहने वाला है.

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<div class="paragraphs"><p>प्रतीकात्मक तस्वीर</p></div>
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प्रतीकात्मक तस्वीर

(फोटो: PTI)

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एक तरफ तो घातक कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही है और दूसरी तरफ अब इसकी वजह से लगे लॉकडाउन ने भी लोगों की जिंदगी पर बुरा असर डालना शुरू कर दिया है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) ने 3 मई को कहा है कि लॉकडाउन की वजह से अप्रैल महीने में 75 लाख लोगों ने नौकरियां गंवाई हैं और अब बेरोजगारी दर 4 महीने के उच्चतम स्तरों पर है.

CMIE के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ महेश व्यास ने चेताया है कि आने वाले वक्त में रोजगार को लेकर माहौल चुनौतीपूर्ण रहने वाला है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बाचतीच में व्यास ने बताया कि 'मार्च के मुकाबले अप्रैल महीने में हमने 75 लाख रोजगार खो दिए हैं. इसी की वजह से बेरोजगारी दर में उछाल आया है.'

केंद्र के डेटा के मुताबिक भारत में बेरोजगारी दर 7.97 परसेंट है. वहीं शहरी इलाकों में ये दर 9.78 परसेंट और वहीं ग्रामीण इलाकों में ये 7.13 परसेंट है. मार्च में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.50 परसेंट रही है.

मुंबई-दिल्ली जैसे रोजगार देने वाले शहरों में सख्त लॉकडाउन

कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश के अलग-अलग राज्यों ने अपने स्तर पर लॉकडाउन लगाया है. केस बढ़ने की रफ्तार इतनी ज्यादा रही कि कई सारे राज्यों को सख्त लॉकडाउन लगाना पड़ा है. देश के फाइनेंशियल हब मुंबई में सख्त लॉकडाउन लागू है. इसके अलावा राजधानी दिल्ली में भी लॉकडाउन लागू है, जिसे दो बार आगे बढ़ाया जा चुका है.

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'कोरोना के पीक पर कुछ नहीं कह सकते'

व्यास ने कहा कि 'हम कोरोना के पीक को लेकर कुछ नहीं कह सकते. लेकिन हम बेरोजगारी के मोर्चे पर बढ़ते तनाव को देख पा रहे हैं. आने वाले वक्त में भी बेरोजगारी ज्यादा रह सकती है. इसके अलावा लेबर पार्टिसिपेशन रेट भी गिर सकता है. सबसे खराब ये है कि ये दोनों साथ ही हो सकता है.'

'पिछले साल जैसे हालात नहीं'

सीएमआईई के चीफ का कहना है कि लेकिन इस बार हालात वैसे नहीं है जैसा शुरुआती लॉकडाउन के वक्त थे.

बता दें कि देश में पिछले करीब 2 हफ्ते से 3 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस केस आ रहे हैं. पीएम मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि राज्यों को लॉकडाउन को सबसे आखिरी विकल्प के रूप में देखना चाहिए.

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