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भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ (एआईएमईडी) ने कहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग की अनदेखी की गई है.
उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है कि हमारी उम्मीदों के विपरीत, सरकार ने भारत पर 80-85 प्रतिशत आयात निर्भरता और 46,000 करोड़ रुपये से अधिक के बढ़ते आयात बिल को समाप्त करने में मदद करने के लिए कोई उपाय शामिल नहीं किया है.
नाथ के मुताबिक, बजट में भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल के आश्वासन को दोहराने के अलावा कुछ भी नहीं है, जो भारत में बने उत्पादों की कस्टम छूट को समाप्त करने के लिए है.
उन्होंने कहा, केवल सकारात्मक घोषणा सार्वजनिक खरीद पर 75 प्रतिशत त्वरित भुगतान की अनुमति देकर और गुणवत्ता के कारण भारित मूल्य वरीयता में लाने के लिए थी, जो स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा उपकरणों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.
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