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अप्रैल से जून महीने के बीच अमेरिका की इकनॉमी में 32.9% की ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है. अमेरिकी संस्था ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक एनालिसिस ने इस बात की जानकारी दी है.
कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लगा जिसके चलते बिजनेस पर बुरा असर पड़ा है और अमेरिका 11 साल बाद फिर से मंदी की तरफ बढ़ा है. अमेरिका की 5 साल की इकनॉमिक ग्रोथ कुछ ही महीनों में साफ हो गई है.
जब कभी भी लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी ग्रोथ नेटिगेटव होती है तो मान लिया जाता है कि इकनॉमी मंदी में प्रवेश कर चुकी है. इसके पहले जनवरी से मार्च के बीच GDP ग्रोथ 5% गिरी थी.
अप्रैल-जून 2020 तिमाही पूरे अमेरिकी इतिहास की सबसे खराब इकनॉमिक ग्रोथ की जीडीपी है. सिर्फ एक महीने में 32% ग्रोथ गिरी है. ये आम मंदी नहीं है. ये स्वास्थ्य संकट और आर्थिक संकट का मिला जुला रूप है. यही इस मंदी को भयानक बनाता है. ये आंकड़े अमेरिकी लोगों की परेशानियों की सही तस्वीर पेश नहीं करते हैं.
अप्रैल के ही महीने में सिर्फ करीब 2 करोड़ अमेरिकियों की नौकरी चली गई है. लॉकडाउन में ज्यादातक आर्थिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया और लोग घर में रहने के लिए मजबूर हुए. रोजगार के मामले में भी ये अमेरिका के लिए ऐतिहासिक संकट है.
कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका कई छोटे बिजनेस पर बहुत बुरा असर पड़ा है. बिजनेस ठप्प होने की वजह से उन्होंने अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को भी निकाल दिया है. दुकानें बंद हैं और स्कूल बंद हैं. अमेरिका में बड़ी तादाद में नौकरी जाने से कंज्म्पशन कम हुआ है. लोग पहले के मुकाबले कम खर्च कर रहे हैं. इकनॉमी के नीचे आने का ये भी एक बड़ा कारण है.
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