Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जेट एयरवेज बचेगी या डूबेगी? एक-दो दिन में हो जाएगा फैसला 

जेट एयरवेज बचेगी या डूबेगी? एक-दो दिन में हो जाएगा फैसला 

एसबीआई की अगुवाई में एयरलाइंस को कर्ज देने वालों के कंर्सोशियम ने टेकओवर का प्लान बना लिया है

क्‍व‍िंट हिंदी
बिजनेस
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जेट को कर्ज देने वालों के कंसोर्शियम ने नरेश गोयल को एयरवेज के बोर्ड से हटने को कहा है
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जेट को कर्ज देने वालों के कंसोर्शियम ने नरेश गोयल को एयरवेज के बोर्ड से हटने को कहा है
(फोटो कोलाज: क्विंट हिंदी)

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जेट एयरवेज ने अप्रैल के अंत तक 13 और अंतरराष्ट्रीय रूटों पर अपनी फ्लाइट्स कैंसिल कर दी है. अब जेट की उड़ानें सिमट कर 25 फीसदी रह गई हैं. लेकिन दूसरी ओर जेट को दिवालिया होने से बचाने की कोशिश भी जारी है. एसबीआई की अगुवाई में एयरलाइंस को कर्ज देने वालों के कंर्सोशियम ने टेकओवर का प्लान बना लिया है. उम्मीद है, अगले एक-दो दिन में इसका फैसला हो जाएगा.

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर में कहा गया है कि इस प्लान के मुताबिक कंसोर्शियम ने जेट एयरलाइंस के सीईओ नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल को बोर्ड से हटने के लिए कह दिया है. जेट को कर्ज देने वालों का कंसोर्शियम पहले जेट में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीदेगा और फिर कुछ महीनों के बाद इसे दूसरे को बेच देगा. भले ही जेट एयरवेज के प्रमोटर इसे बचाने के लिए डील न कर पाए हों. लेकिन इस नई डील के जानकारों का कहना है कि कंट्रोलिंग हिस्सेदारी खरीद कर बाद में जेट को बेचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. वैसे अभी यह पता नहीं चला है कि जेट में 24 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले एतिहाद का स्टेक यह कंसोर्शियम खरीदेगा या नहीं.

अगर यह हिस्सेदारी खरीद ली गई तो कंसोर्शियम की जेट में हिस्सेदारी बढ़ कर 70 फीसदी हो जाएगी. इसके बाद नरेश गोयल की हिस्सेदारी घट कर 17 फीसदी रह जाएगी. इस वजह से जेट के लिए नए निवेशक और कर्जदाता मिलने में दिक्कत नहीं होगी.

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जेट के विमान ग्राउंड होने से 13 लाख फ्लाइट सीटें घटीं

इस बीच, जेट के विमानों के ग्राउंड होने से पिछले एक महीने में 13 लाख फ्लाइट सीटें घट गई हैं. जनवरी में 1.47 करोड़ सीटें थीं जबकि फरवरी में ये घट कर 1.34 करोड़ सीटें हो गईं. इधर पायलटों की कमी से इंडिगो एयरलाइंस की कई फ्लाइट कैंसिल हुई हैं और इससे सीट कैपिसिटी में और कमी आई है. टिकटों की कीमत पर इस हालात का साफ असर दिख रहा है.

घरेलू उड़ानों में टिकटों की कीमतों में 35 फीसदी तक इजाफा हो गया है. दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्त रूट में आखिरी वक्त के किराये 50 से 100 फीसदी तक बढ़ गए हैं. अगर यही हालात रहे तो आने वाले होलीडे सीजन में यात्रियों के प्लान  पर जबरदस्त असर पड़ेगा. इससे टूरिज्म इंडस्ट्री की मुश्किल बढ़ जाएगी. 

लोकसभा चुनाव सिर पर हैं इसलिए ऐसे में एक एयरलाइंस का दिवालिया हो जाना सरकार के लिए बहुत नुकसानदेह है. लिहाजा सरकार बैंकों और अपने ही इंफ्रा फंड NIIF पर जेट को बचाने का दबाव बना रही है. सरकार की फिक्र है कि जेट अगर दिवालिया हुई तो कम से कम 23 हजार लोग एक झटके में बेरोजगार हो जाएंगे.

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Published: 23 Mar 2019,11:17 AM IST

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