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रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ऑफिस पहुंचे. बता दें कि यह पूछताछ यस बैंक मामले को लेकर होनी है. रिलायंस ग्रुप की कंपनियों ने बैंक से तकरीबन 12,800 करोड़ रुपये कर्ज लिया था, जो एनपीए हो गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह मार्च को बताया था कि अनिल अंबानी, समूह, एस्सेल, आईएलएफएस, डीएचएफएल और वोडाफोन उन तनावग्रस्त कॉरपोरेट में हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था. अंबानी को पहले सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत आधार पर उपस्थिति से छूट मांगी. ईडी ने फिर उन्हें 19 मार्च को पेश होने के लिए नया समन जारी किया.
रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में यस बैंक पर रोक लगा दी थी और जमाकर्ताओं के लिए निकासी की 50,000 रुपये की सीमा तय की थी, जिसके बाद जांच एजेंसी ने कपूर, उनके परिवार और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. ईडी ने कपूर, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों पर आरोप लगाया कि बैंक के माध्यम से दिए गए बड़े ऋण के बदले में उन्हें कथित रूप से लाभ मिला और ये ऋण बाद में एनपीए) में बदल गए.
रिलायंस समूह ने पिछले सप्ताह कहा था कि बैंक से लिया गया उसका कर्ज पूरी तरह सुरक्षित था और उसे सामान्य कारोबारी ढंग से लिया गया था. कंपनी ने था कहा कि उसका ‘‘यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर, या उनकी पत्नी या बेटियों, या राणा कपूर या उनके परिवार द्वारा नियंत्रित किसी भी संस्था से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क नहीं है.
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