ADVERTISEMENTREMOVE AD

Yes बैंक की सभी सर्विसेज बहाल, अब ATM से मनचाही रकम निकाल सकेंगे

YES बैंक की सभी सर्विसेज शुरू हो गई हैं. कंपनी ने कहा है कि अब कस्टमर सभी तरह की सर्विसेज इस्तेमाल कर पाएंगे.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

YES बैंक की सभी सर्विसेज शुरू हो गई हैं. कंपनी ने कहा है कि अब कस्टमर सभी तरह की सर्विसेज इस्तेमाल कर पाएंगे. बता दें कि आरबीआई की सिफारिश पर भारी वित्तीय संकट से जूझ रहे प्राइवेट सेक्टर के YES BANK पर सरकार ने बैन लगा दिया था. इस बैन के बाद बैंक का कोई भी खाताधारक अपने अकाउंट से 50 हजार रुपये से अधिक रकम नहीं निकाल सकता. सरकार का ये आदेश 5 मार्च 2020 को शाम छह बजे लागू हुआ था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

Yes बैंक ने ऐसे बनाया था अपना नाम

RBI से बैंकिंग लाइसेंस मिलने के बाद 2004 में राणा कपूर और अशोक कपूर ने मिलकर यस बैंक बनाया था. दोनों मिलकर बैंक चलाया करते थे. अशोक कपूर बैंक के चेयरमैन थे और राणा कपूर बैंक के MD और CEO थे. लेकिन 26/11 के हमले में अशोक कपूर का निधन हो गया. इसके बाद बैंक के सर्वेसर्वा हो गए राणा कपूर. राणा कपूर ने जब से बैंक की पूरी कमान संभाली उन्होंने अंधाधुंध कर्ज देना शुरू किया. जब सारे बैंक कर्जदारों को NO कहते थे तब राणा कपूर का बैंक YES कहता था. और कर्ज देता था. यस बैंक ने बड़े-बड़े कर्ज दिए वो भी बाजार में चल रहे ब्याज से ज्यादा रेट पर. शुरुआत में बैंक के कारोबार में गजब की तेजी देखने को मिली.

यस बैंक की हालत कैसे बिगड़ी

बैंक के कारोबार में जितनी तेजी उछाल देखने को मिला, उससे भी ज्यादा तेजी से बैंक के बुरे दिन भी आ गए. बैंक का हर तरह के कर्ज के लिए YES कहने की प्रवृत्ति ने उसे भारी नुकसान पहुंचाया. यस बैंक ने जिन कंपनियों को लोन दिया उनमें से कई कंपनियां बैड लोन में चली गईं. या तो कंपनियां बंद हो गईं या फिर फिर उनका कर्ज NPAs में बदल गया. इनमें अनिल अंबानी का ग्रुप, IL&FS, DHFL, जेट एयरवेज, एस्सार शिपिंग, कॉक्स एंग किंग्स, कैफे कॉफी डे जैसी कंपनियां शामिल हैं.

RBI की रेगुलेटरी सख्ती

इसके बाद RBI ने रेगुलेटरी सख्ती दिखाई, जिसके तहत रिजर्व बैंक ने सुनिश्चित किया कि बैंक NPA को कम न दिखाएं. यस बैंक का NPA उम्मीद से काफी ज्यादा निकला और राणा कपूर कामकाज पर सवाल उठने लगे. राणा कपूर को MD और CEO के पद से हटाया गया. इसके बाद यस बैंक के शेयर में भी कमजोरी दिखने लगी. बैंक में कॉरपोरेट गवर्नेंस में भी दिक्कत के मामले सामने आए. इसके बाद राणा कपूर यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटाते चले गए और उन्होंने पूरी हिस्सेदारी बेच दी. इसके बाद रनवीत गिल को यस बैंक का नया MD&CEO बनाया गया. लेकिन इसके बाद भी बैंक पूंजी जुटाने में नाकामयाब रही. बैंक को कोई निवेशक नहीं मिला.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×