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उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए योगी सरकार कड़े नियमों का दावा कर रही है. लेकिन बलिया जिले में सरकार और प्रशासन के ये दावे धरे के धरे रह गए हैं. बलिया में शिवरामपुर गंगा घाट पर लोग शुक्रवार को लोग भारी संख्या में बच्चों का मुंडन कराने के लिए उमड़े. इस दौरान हजारों लोगों ने गंगा स्नान किया. हैरानी की बात है कि प्रशासन इस धार्मिक आयोजन को रोकने में विफल रहा.
देश में कोरोना संकट के बीच बलिया में लोगों की आस्था, महामारी पर भारी पड़ गई. यहां शिवरामपुर में अक्षय तृतीया के मौके पर हजारों लोगों ने गंगा नदी में डुबकी लगाई.
वहीं गंगा घाट पर इस धार्मिक आयोजन की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. भीड़ इतनी थी कि जाम लग गया है. क्विंट को एक चालक ने बताया कि वो दो घंटे से जाम में फंसा है. एक रिक्शा ड्राइवर ने कहा कि कोरोना से डर तो लगता है लेकिन उसे मजबूरी में यहां आना पड़ा.
बलिया में शिवरामपुर गंगा घाट से आई इन तस्वीरों ने हैरान कर दिया है कि आखिर कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे एक जगह पर इकट्ठा हो गए.
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन जैसी सख्त पाबंदियां हैं. फिर बलिया में ये धार्मिक आयोजन कैसे संपन्न हो गया. स्थानीय प्रशासन ने यहां भीड़ को क्यों जमा होने दिया.
जब देश में कोरोना महामारी के चलते कुंभ जैसे धार्मिक आयोजन को बीच में प्रतीकात्मक करना पड़ा. तो फिर बलिया में लोगों को क्यों नहीं रोका गया? कम से कम उस बलिया में क्यों नहीं रोका गया जिसके गंगा घाटों पर शवों को देखकर पूरा देश दहल गया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना से हालात खराब है. राज्य के हर जिलों में कोविड महामारी अपने पैर पसार चुकी है. दिन ब दिन कोरोना केस और उनसे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में बलिया में हुए इस धार्मिक आयोजन ने कोरोना संक्रमण के खतरे को और बढ़ा दिया है.
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