Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019दिल्ली: कोरोना मरीजों में अब रेक्टल ब्लीडिंग के सामने आए 5 मामले

दिल्ली: कोरोना मरीजों में अब रेक्टल ब्लीडिंग के सामने आए 5 मामले

सीएमवी आमतौर पर उन मरीजों में देखा जाता है जिनकी इम्युनिटी ( प्रतिरोधक क्षमता ) कमजोर है

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कोरोनावायरस
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दिल्ली: कोरोना मरीजों अब मल के रास्ते में ब्लीडिंग के सामने आए 5 मामले

(फोटो: iStock)

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दिल्ली के अस्पताल में कोविड-19 (Coronavirus) इम्युनोकोम्पेटेंट (Cytomegalovirus) रोगियों में साइटोमेगालो वायरस (सीएमवी) के कारण होने वाली रेक्टल ब्लीडिंग के पांच मामले सामने आए हैं. डॉक्टरों के अनुसार कोरोना इलाज के 20 से 30 दिनों के बाद मरीजों के पेट में दर्द और मल में खून बहने की परेशानी सामने आई.

साइटोमेगाल वायरस क्या है?

जानकारी के मुताबिक, कोविड संक्रमण और इसके उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं (स्टेरॉयड) रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता को दबा देती हैं और उन्हें असामान्य संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील बनाती हैं. ऐसा ही एक संक्रमण साइटोमेगालो वायरस है. साइटोमेगालो वायरस 80 से 90 फीसदी भारतीय आबादी में बिना कोई नुकसान पहुंचाए मौजूद रहते हैं, क्योंकि हमारी प्रतिरक्षा इतनी मजबूत है कि इसे चिकित्सकीय रूप से महत्वहीन बना सकती है.

सी.एम.वी. इंफेक्शन के पांच मरीज देखे हैं- गंगाराम हॉस्पिटल

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैन्क्रियाटिकोबिलरी साइंसेज के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल अरोड़ा के अनुसार, कोविड-19 की इस घातक दूसरी लहर में, पिछले 45 दिनों के भीतर हमने कोविड के मरीजों में सी.एम.वी. इन्फेक्शन के ऐसे पांच मरीज देखे हैं.

"सभी मरीज कोविड-19 के उपचार के 20 से 30 दिनों के बाद पेट में दर्द और मल में खून की परेशानियों के साथ सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे जो कि कोविड का संकेत नहीं है."

उन्होंने बताया कि, "उनमें से किसी के पास इस वायरल संक्रमण के लिए जिम्मेदार अन्य प्रतिरक्षात्मक स्थितियां नहीं थीं जैसे कि ट्रांसप्लांट, कैंसर, एड्स आदि के मरीजों में इम्यूनिटी कम होने से होती है. "

कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में सीएमवी

सीएमवी आमतौर पर उन मरीजों में देखा जाता है जिनकी इम्युनिटी ( प्रतिरोधक क्षमता ) कमजोर है. सभी मरीज 'लो लिम्फोसाइट काउंट' (सामान्य रूप से 20 से 40 फीसदी के मुकाबले 6-10 फीसदी) की रिपोर्ट के साथ सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे, जो कि सीएमवी संक्रमण के मौजूद होने का संकेत है. 30-70 वर्ष के आयु वर्ग के पांचों मरीजों के मामले दिल्ली -एनसीआर से है.

उनमें से दो को अत्यधिक खून बह रहा था, एक मरीज को दाहिने तरफ कोलन की इमरजेंसी सर्जरी की तुरंत आवश्यकता थी. उनमें से एक मरीज ने कोविड से संबंधित अन्य समस्या के कारण दम तोड़ दिया.

डॉक्टरों के मुताबिक अन्य तीन रोगियों का एंटीवायरल थेरेपी से सफलतापूर्वक इलाज किया गया. वहीं साइटोमेगालो वायरस कोलाइटिस की पुष्टि, सीएमवी के लिए पीसीआर टेस्टिंग और बड़ी आंत की टिश्यू बायोप्सी से हुई.

(इनपुट: IANS)

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Published: 29 Jun 2021,03:38 PM IST

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