Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019COVID-19: क्या ‘डेल्टा प्लस’ बनेगा भारत में तीसरी लहर की वजह? 

COVID-19: क्या ‘डेल्टा प्लस’ बनेगा भारत में तीसरी लहर की वजह? 

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप के COVID-19 कार्य समूह प्रमुख डॉ. अरोड़ा ने दिया जवाब

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कोरोनावायरस
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सांकेतिक तस्वीर
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सांकेतिक तस्वीर
(फोटो: IANS)

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कोरोना वायरस (Coronavirus) के दूसरे वेरिएंट्स की तुलना में 'डेल्टा प्लस' की फेफड़ों के भीतर ज्यादा मौजूदगी मिली है, लेकिन यह ज्यादा नुकसान पहुंचाता है इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है. टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप (NTAGI) के COVID-19 कार्य समूह प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने यह बात कही है.

इस सवाल के जवाब में कि क्या डेल्टा प्लस वेरिएंट कोरोना वायरस की तीसरी लहर की वजह बन सकता है, अरोड़ा ने कहा कि अभी इसका आकलन करना मुश्किल है.

हालांकि उन्होंने कहा, ''लहरें नए वेरिएंट या नए म्यूटेशन से जुड़ी हुई हैं इसलिए ऐसी संभावना है क्योंकि यह एक नया वेरिएंट है, लेकिन क्या यह तीसरी लहर की ओर ले जाएगा, इसका जवाब देना मुश्किल है क्योंकि यह दो या तीन चीजों पर निर्भर करेगा.''

  • उन्होंने कहा, ''पहली बात यह है कि पिछले तीन महीनों में हमने भयंकर दूसरी लहर का सामना किया है और यह अभी भी जारी है, हम पिछले 8-10 दिनों से देख रहे हैं कि मामलों की संख्या 50000 के आसपास अटकी हुई है, कुछ जगहों पर मामलों का आना लगातार जारी है, इसलिए लहर शांत नहीं हुई है.''
  • अरोड़ा ने कहा कि दूसरी लहर अन्य वेरिएंट के खिलाफ कम्युनिटी की प्रतिक्रिया को प्रभावित करेगी और तीसरी लहर इस बात पर निर्भर करेगी कि दूसरी लहर में आबादी का कितना अनुपात संक्रमित हुआ. इसके अलावा उन्होंने ने कहा, ''दूसरी, एक और चीज जो अहम है वह है टीकाकरण.''
  • तीसरी चीज, जिसका अरोड़ा ने जिक्र किया है वो है COVID-उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन, जिसमें मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना आदि शामिल हैं, जिस पर विशेषज्ञ जोर देते रहे हैं.
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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डेल्टा प्लस की 11 जून को पहचान हुई थी. हाल में इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ के तौर पर वर्गीकरण किया गया. देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के अब तक 50 से ज्यादा मामले आ चुके हैं. इस वेरिएंट से संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से आए हैं.

अरोड़ा ने कहा कि कुछ और मामलों की पहचान के बाद डेल्टा प्लस के असर के बारे में तस्वीर ज्यादा स्पष्ट होगी, लेकिन ऐसा लगता है कि वैक्सीन की एक या दोनों खुराक ले चुके लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण दिखते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसके प्रसार पर बहुत करीबी नजर रखनी होगी ताकि हमें इससे फैलने वाले संक्रमण का पता चले.’’

उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट के जितने मामलों की पहचान हुई है उससे ज्यादा मामले हो सकते हैं क्योंकि ऐसे कई लोग हो सकते हैं जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण न हो और वे संक्रमण का प्रसार कर रहे हों.

NTAGI के COVID-19 कार्य समूह प्रमुख ने कहा, ''सबसे अहम चीज यह है कि जीनोम सीक्वेंसिंग का काम तेज हुआ है और यह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. राज्यों को पहले ही बता दिया गया है कि यह चिंताजनक स्वरूप है और इसके लिए कदम उठाने की जरूरत है. इससे कई राज्यों ने पहले से ही उन जिलों के लिए सूक्ष्म स्तर पर योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं जहां वायरस की पहचान की गई है ताकि उनके प्रसार को नियंत्रित किया जा सके. निश्चित रूप से इन जिलों में टीकाकरण बढ़ाना होगा.’’

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Published: 27 Jun 2021,07:15 PM IST

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