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केंद्र सरकार ने बुधवार को ऐलान किया कि देशभर में जारी कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान का दूसरा फेज 1 मार्च से शुरू होगा. इस फेज के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारी से पीड़ित 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी टीकाकरण अभियान में शामिल किया जाएगा. खास बात ये है कि इस फेज में प्राइवेट अस्पतालों, क्लिनिकों में भी टीका लगेगा.
दूसरे फेज की बड़ी बात यह है कि इसमें प्राइवेट हेल्थ सेक्टर को भी शामिल किया गया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि COVID-19 टीकाकरण के दूसरे फेज में लोगों को 10 हजार सरकारी केंद्रों, जबकि करीब 20 हजार प्राइवेट क्लिनिकों या केंद्रों पर टीका लगाया जाएगा.
एनडीटीवी के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पिछले साल नवंबर में कहा था, ''हमारी योजना जुलाई-अगस्त (2021) तक करीब 25-30 करोड़ लोगों का टीकाकरण कराने की है.'' इस टारगेट को लेकर जनवरी में SBI रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया था कि करीब 13.27 लाख लोगों का रोज टीकाकरण करके सरकार अगस्त तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दे सकती है.
बता दें कि पहले फेज में हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स का फ्री में टीकाकरण किया जा रहा है.
अब सवाल उठता है कि प्राइवेट हेल्थ सेक्टर टीकाकरण अभियान के लिए कितना तैयार है. न्यूज वेबसाइट द प्रिंट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया है, ''3000 हॉस्पिटल ऐसे हैं, जो हर रोज 100-500 लोगों का टीकाकरण कर सकते हैं. डेटा दिखाता है कि भारत में 30-100 बेड वाले करीब 25000 हॉस्पिटल हैं, इनमें से आधे को वैक्सीन डिलीवरी सेंटर के रूप में इस्तेमाल करने की पेशकश की गई है.''
1.क्या दूसरे फेज में वैक्सीन के लिए कोई कीमत देनी होगी?
दूसरे फेज में सरकारी केंद्रों पर वैक्सीन फ्री में लगाई जाएगी. वहीं, प्राइवेट क्लिनिकों और केंद्रों पर इसके लिए शुल्क देना पड़ेगा. जावडेकर ने बुधवार को बताया कि यह शुल्क कितना होगा, इसके बारे में विचार विमर्श करने के बाद स्वास्थ्य विभाग दो-तीन दिनों में घोषणा करेगा. उन्होंने कहा कि सरकारी केंद्रों पर निशुल्क टीका लगाने के लिए भारत सरकार जरूरी खुराक खरीदेगी और राज्यों को उपलब्ध कराएगी.
द प्रिंट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया है कि प्राइवेट सेंटर पर लोगों को वैक्सीन की एक खुराक के लिए 400 रुपये चुकाने पड़ सकते हैं, ऐसे में उनको दो जरूरी खुराक के लिए 800 रुपये दे होंगे. हालांकि फाइनल कीमत तभी पता चलेगी, जब सरकार इसका ऐलान करेगी.
2.क्या लोगों के पास अपनी पसंद की वैक्सीन चुनने का विकल्प होगा?
भारत के ड्रग रेग्युलेटर ने दो COVID-19 वैक्सीन - कोविशील्ड और कोवैक्सीन- को इमरजेंसी यूज की अनुमति दी है. अधूरे ट्रायल डेटा की वजह से कोवैक्सीन को लेकर देश के कई हिस्सों से आशंकाएं सामने आई हैं, ऐसे में जब जावडेकर से पूछा गया कि क्या लोगों के पास टीका चुनने का विकल्प होगा तो उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने दो टीकों को मंजूरी दी है और दोनों टीके प्रभावी हैं और उनकी क्षमता सिद्ध है.’’
3.क्या टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा?
हां. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, टीकाकरण अभियान के दूसरे फेज में सेल्फ रजिस्ट्रेशन का सिस्टम होगा. लोग Co-win ऐप 2.0 डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. क्विंट से बात करते हुए एम्पावर्ड पैनल फॉर कोविड एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरमैन आरएस शर्मा ने बताया कि रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ऐप डाउनलोड करना जरूरी नहीं. ये किसी दूसरे के फोन से भी कराया जा सकता है य फिर कॉल सेंटर पर कॉल करके भी कराया जा सकता है.
4.रजिस्ट्रेशन के लिए किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी?
अपनी उम्र के सत्यापन के लिए, लाभार्थी को या तो इलेक्शन आईडी कार्ड या आधार की जरूरत होगी.
5.कौन सी गंभीर बीमारियां लिस्ट में होंगी?
45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए सरकार ने अभी गंभीर बीमारी का क्राइटेरिया घोषित नहीं किया है. हालांकि, जो लोग कैंसर, किडनी फेलियर, हृदय संबंधी बीमारी और हाइपरटेंशन आदि से पीड़ित हैं, उनको दूसरे फेज में टीकाकरण के लिए लाभार्थियों की लिस्ट में जगह मिल सकती है.
6.इलेक्टोरल रोल में उम्र का डेटा गलत होने पर क्या होगा?
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पास आपकी उम्र के दावे को क्रॉस वेरिफाई करने का विकल्प होगा. उनकी तरफ से वेरिफिकेशन के बाद नया डेटा अपडेट हो जाएगा.
7.क्या टीकाकरण की तारीख और जगह चुनने का विकल्प होगा?
हां. Co-win ऐप पर उम्र का डेटा मैच हो जाने के बाद टीकाकरण केंद्र दिखेंगे. ऐसे में लाभार्थी एक साइट चुन सकेगा; उसको तारीख चुनने का विकल्प भी मिलेगा.
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