advertisement
सोमवार, 7 फरवरी को केन्द्र सरकार की ओर से जूनियर जल शक्ति मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में कहा कि कोरोना (Covid19) की दूसरी लहर के दौरान गंगा में फेंकी जाने वाली लाशों की संख्या के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. जल शक्ति मंत्री तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन के एक सवाल का जवाब दे रहे थे. टीएमसी सांसद ने कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी थी.
जूनियर जल शक्ति मंत्री ने कहा कि लावारिस, आंशिक रूप से जले हुए शव नदी या उसके तट पर पाए गए थे और ये घटनाएं उत्तर प्रदेश व बिहार के जिलों से सामने आई थीं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, झारखंड और बंगाल के मुख्य सचिवों को भी एडवाइजरी जारी की गई है.
कांग्रेस ने सरकार द्वारा कही गई इस बात पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार संसद को गुमराह कर रही है. मुझे सरकार द्वारा वही जवाब मिला, जब मैंने पूछा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कितनी मौते हुई हैं.
बता दें कि पिछले साल कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान गंगा नदी में तैरती हुई लाशें बड़े पैमाने पर देखी गई थीं. इससे संबंधित तस्वीरें दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक गंभीर समस्या बताया था और राज्य सरकारों के फटकार भी लगाई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक जब दूसरी लहर के दौरान लगभग 3 से 4 हजार लोगों की मौतें रोज होती थीं.
बताया गया कि शव ग्रामीण क्षेत्रों के कोरोना पीड़ितों के थे, जहां प्रोटोकॉल के अभाव में स्थानीय लोग वायरस के फैलने के डर से लाशों को नदी में फेंक रहे थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)