Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का खर्च उठाएगी दिल्ली सरकार- केजरीवाल

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का खर्च उठाएगी दिल्ली सरकार- केजरीवाल

जिन बुजुर्गों ने अपने घर के युवाओं को खो दिया है, उनका ख्याल भी दिल्ली सरकार रखेगी- केजरीवाल

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कोरोनावायरस
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अरविंद केजरीवाल
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अरविंद केजरीवाल
PTI

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दिल्ली में पिछले कई हफ्तों से लॉकडाउन है, ऐसे में उन तमाम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका कोई सहारा नहीं है. अब दिल्ली सरकार ने बताया है कि वो कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई और परवरिश का सारा खर्च उठाएगी. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, जिन बुजुर्गों ने अपने घर के युवाओं को खो दिया है, उनका ख्याल भी दिल्ली सरकार रखेगी. उन्होंने कहा कि, इस वक्त ऐसे बच्चों और बुजुर्गों को प्यार व हमदर्दी की जरूरत है, पड़ोसियों और रिश्तेदारों से अपील है कि वे इन्हें अपना प्यार और हमदर्दी दें.

हजारों बेड हुए खाली, लेकिन आईसीयू बेड्स की किल्लत

दिल्ली में कम होते कोरोना मामलों को लेकर केजरीवाल ने कहा कि, दिल्ली में कई दिनों बाद 10 हजार से कम 8,500 केस आए हैं और संक्रमण दर 12 फीसदी है, जबकि 22 अप्रैल को ये 36 फीसद थी. पिछले 10 दिनों में दिल्ली के अस्पतालों में 3 हजार बेड खाली हुए हैं, लेकिन अभी भी लगभग सभी आईसीयू बेड भरे हैं. केजरीवाल ने कहा कि, दिल्लीवासियों के अनुशासित आचरण की वजह से केस कम हो रहे हैं, सबने सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया. सीएम केजरीवाल ने बताया कि,

दिल्ली सरकार अगले एक-दो दिन में 1200 नए आईसीयू बेड चालू कर देगी, इससे दिल्ली वासियों को काफी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि, कोरोना को पूरी तरह से खत्म करने के लिए हमें लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करना है, हमें किसी भी हालत में ढिलाई नहीं करनी है. हम नए ऑक्सीजन और आईसयू बेड बढ़ाने के साथ कई हजार ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद रहे हैं, अगर केस बढ़ते हैं, तो हमारी तैयारी में कोई कमी नहीं रहेगी.
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बच्चों और बुजुर्गों की करें मदद

सीएम ने कहा कि, हम ऐसे परिवारों की आर्थिक मदद तो कर देंगे, पर ऐसे बच्चों और बुजुर्गों को इस वक्त प्यार की जरूरत है, हमदर्दी की जरूरत है. ऐसे परिवारों के सभी पड़ोसियों और उनके रिश्तेदारों से मेरी विनती है कि इनका ख्याल रखना. ऐसे परिवारों पर बहुत बड़ी मुसीबत आई है. इन्हें अपना प्यार और हमदर्दी देना. दिल्ली के दो करोड़ लोग, हम सब एक परिवार हैं. इस दुख की घड़ी में हमें एक-दूसरे की मदद करनी है.

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