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केंद्र सरकार ने 28 अगस्त को कोरोना वायरस (COVID-19) से संबंधित सभी मौजूदा प्रोकोकॉल को 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है. भारत में कोरोना महामारी की स्थिति काफी हद तक स्थिर दिखाई दे रही है. कुछ जगहों पर स्थानीय प्रसार जैसे हालात भी देखने को मिल रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को आदेश दिया है कि आगामी त्योहारी सीजन से पहले ही सक्रिय रूप से रोकथाम के उपाय किए जाएं.
इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा जारी किया गया और सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजा गया. इसमें सरकार ने कहा कि 29 जून को जारी किए गए कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन के संबंध में पहले के आदेश को अब 30 सितंबर तक लागू किया जाएगा. केंद्र ने इस तथ्य पर चिंता व्यक्त की कि कुल सक्रिय मामलों की संख्या और देश भर के कुछ जिलों में मामले का पॉजिटिविटी रेट उच्च स्तर पर बनी हुई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, दक्षिणी राज्य अब देश के सभी सक्रिय कोरोना मामलों के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं, इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है.
गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से कहा गया कि राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन, जिनके जिलों में हाई पॉजिटिविटी रेट है, उनको सक्रिय रूप से रोकथाम के उपाय करने चाहिए ताकि मामलों में होने वाली बढ़ोतरी को प्रभावी ढंग से रोका जा सके. संभावित मामलों के चेतावनी संकेतों की पहचान करना और प्रसार को रोकने के लिए उचित उपाय करना महत्वपूर्ण है. इसके लिए एक स्थानीय दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी.
भारत में कई राज्यों में आगामी त्योहारी सीजन की ओर ध्यान देते हुए, सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि कोई बड़ी सभा न हो. यदि आवश्यक हो, तो संभावित भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर आवश्यक स्थानीय प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए.
गृह सचिव ने कहा कि इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बिना वायरस या कम वायरस संचरण वाले क्षेत्रों को उत्तरोत्तर परीक्षण और अन्य उपायों द्वारा पर्याप्त रूप से संरक्षित किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि निर्देशों के पालन में किसी भी प्रकार लापरवाही होने पर संबंधित अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
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