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देशभर में कोरोना वायरस का कहर अब भी खत्म नहीं हुआ है. खुद पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए लापरवाही नहीं बरतने की बात कही है साथ ही साथ मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाने की अपील की है. पीएम ने अपने संबोधन में ये भी जताया कि कई लोग अब कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं. लेकिन अब जो नए-नए रिसर्च सामने आ रहे हैं वो डरा देने वाला हैं. न केवल कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा है बल्कि अगर इस महामारी से चपेट में आकर कोई शख्स ठीक भी हो चुका है तो भी उसे कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट अनुसार इस बीच यूके में हुई एक स्टडी में कोरोना से संबंधित एक ऐसी जानकारी सामने आई है जो आपकोदोबारा सोचने की मजबूर कर देगी. स्टडी में यह पाया गया है कि कोविड -19 के मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी संक्रमण के लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है. कई मरीजों में शुरुआती संक्रमण दौर से लेकर दो- तीन महीनों तक सांस फूलने, थकान, चिंता और अवसाद जैसे लक्षण दिख रहे हैं.
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 58 कोरोना मरीजों पर रिसर्च की है जिनमें काफी समय तक महामारी के लक्षण दिखें. कुछ मरीजों के शरीर में कई अंग एबनॉर्मल पाए गए. उनमें हुई सूजन की वजह से मरीजों को काफी समस्या झेलनी पड़ी.
ब्रिटेन के NIHR (National Institute for Health Research) की हालिया रिपोर्ट में यह बात साफ है कि Covid- 19 से ठीक होने के बाद भी संक्रमण का असर लंबे समय तक रह सकता है. जो शरीर और दिमाग पर गहरा असर डाल रहा है.
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