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महाराष्ट्र में कोरोना (COVID 19) के आंकड़े भले ही घट रहे हैं, लेकिन फिलहाल पूरी तरह से लॉकडाउन हटाने की सरकार की कोई मंशा नहीं है. राज्य के 21 जिलों में ज्यादा पॉजिटिविटी रेट पाया गया है. ऐसे में जिन जिलों में केस कम हो रहे हैं, वहां थोड़ी ढील देने के बारे में विचार चल रहा है. हालांकि 1 जून के बाद चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंत्रिमंडल बैठक के बाद ये जानकारी दी.
टोपे ने बताया कि, अगले दो दिनों में सीएम उद्धव ठाकरे और स्वास्थ्य विभाग राज्य के टास्क फोर्स के साथ कोविड स्थिति का जायजा लेंगे. उसके बाद ही लॉकडाउन में ढिलाई लाने पर विचार किया जाएगा. दुकानों के लिए समय बढ़ाना, ऑफिस शुरू करना, आवाजाही में शिथिलता जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. हालांकि मुंबई लोकल ट्रेन आम जनता के लिए शुरू ना करने पर कई मंत्रियों की सहमति हुई है. लोकल ट्रेन कोरोना संक्रमण का मुख्य केंद्र होने की बात मदद व पुनर्वास मंत्री विजय वड्डेटिवार ने कही.
इसके अलावा राज्य के जिलों का पॉजिटिविटी रेट, केस मृत्यु दर और ICU ऑक्सीजन की उपलब्धता... इन तीन मुद्दों के आधार पर प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला लिया जाएगा.
लेकिन अप्रैल के शुरुआत से महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगने से राज्य के व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. जिस वजह से राज्य के सभी बड़ी ट्रेडर्स बॉडीज ने एक साथ होक ट्रेडर्स यूनाइटेड फोरम फॉर महाराष्ट्र (TUFOM) की स्थापना की है. राज्य की आर्थिक परिस्थिति को पटरी पर लाने के लिए TUFOM के जरिये सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की गई है.
इसीलिए फोरम की तरफ से मांग की गई है कि 1 जून से दुकानों को कम से कम आठ घंटे तक खुले रखने की इजाजत दी जाए. साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स, प्रोफेशनल टैक्स, दुकान का किराया, बिजली और पानी बिल में व्यापारियों को रियायत दी जाए. वरना फोरम की तरफ से व्यापारियों को आंदोलन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा.
बता दें कि महाराष्ट्र में 27 मई को 21,273 नए केसे पाए गए और 425 मौतें दर्ज हुई हैं. तो वही राज्य में अब तक 56,50,907 मरीज पाए गए जिसमें 52,41,883 मरीज ठीक हुए हैं.
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