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भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर के संकेत मिल रहे हैं, इस बीच तमाम एक्सपर्ट तेजी से वैक्सीनेशन की सलाह दे रहे हैं. लेकिन अब तक वैक्सीन की कमी के आरोप लग रहे हैं. कुछ राज्यों ने एक बार फिर कहा है कि उनके पास पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. लेकिन हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने इसके जवाब में कहा है कि राज्यों को पहले से ही वैक्सीन आवंटन की जानकारी दी गई है.
लेकिन हाल में वैक्सीन आपूर्ति को लेकर राज्यों के विरोध और वैक्सीनेशन के सरकारी आंकड़े कुछ और ही कहानी बता रहे हैं.
राज्यों की सबसे बड़ी शिकायत है वैक्सीन आपूर्ति एक रफ्तार से नहीं हो रही है. 21 जून से केंद्र सरकार ने वैक्सीन खरीदने की पूरी जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली थी. 'न्यू पॉलिसी' के पहले दिन 21 जून को लगभग 91 लाख लोगों को डोज लगाए गए. 21 जून से 27 जून के बीच के 1 हफ्ते में कुल लगभग 4 करोड़ डोज लगाए गए. लेकिन ये स्पीड आगे नहीं बनी रही. 5 जुलाई से 11 जुलाई के बीच के सप्ताह में मात्र 2.3 करोड़ डोज ही लगाए गए.
दिल्ली सरकार ने मंगलवार 13 जुलाई को बुलेटिन जारी करके बताया कि दिल्ली का वैक्सीन स्टॉक के केवल 2 दिन और चलने की उम्मीद है .लेकिन मंगलवार को भी कई केंद्र बंद रहे क्योंकि दिल्ली में सोमवार की शाम 1 दिन से भी कम समय के लिए स्टॉक था. केंद्र ने दिल्ली को तब तक ताजा स्टॉक उपलब्ध नहीं कराया था. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि वैक्सीन की कमी के कारण मंगलवार को 500 केंद्र बंद रहेंगे.
वैक्सीन के पर्याप्त स्टाफ की कमी के कारण आंध्र प्रदेश में अब केवल 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की माताओं और विदेश यात्रा पर जा रहे लोगों के लिए वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देने का फैसला लिया है.राज्य अधिकारियों के अनुसार केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को जुलाई में 50 लाख डोज देने का वादा किया था. बावजूद इसके कोविन पोर्टल के अनुसार जुलाई में यहां 30 लाख लोगों को दूसरा डोज लगना है लेकिन अब तक मात्र 6 लाख लोगों को ही लग सका है.
महाराष्ट्र सरकार के अनुसार उनके पास 1 दिन में 15 लाख डोज लगाने की क्षमता है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अनुसार पिछले सप्ताह 70 लाख खुराक आ गई थी, लेकिन वो मात्र 3 दिनों में खत्म हो गई. यहां तक कि महाराष्ट्र विधानसभा ने हाल ही में एक प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार से अगले 3 महीने में प्रतिमाह 3 करोड़ डोज की मांग की है.
तमिलनाडु के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सुब्रमण्यन के अनुसार राज्य को लगभग 11.5 करोड़ डोज की जरूरत है, लेकिन उसे अब तक मात्र 1.67 करोड़ डोज ही प्राप्त हुआ है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तमिलनाडु के वैक्सीन आवंटन में असंतुलन की बात कही और इसके लिए एक करोड़ डोज के विशेष आवंटन की मांग की.
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने अपने ट्वीट में कहा कि "जुलाई में राज्यों में वैक्सीन के कितने डोज उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी जानकारी केंद्र सरकार ने राज्यों को 19 जून, 2021 को ही दे दी थी"
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सरकार ने पहले से ही ये दावा किया है कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. जबकि राज्य सरकारें अपनी पूरी क्षमता के साथ वैक्सीनेशन ड्राइव नहीं चला पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास इतनी मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं. राज्यों ने अब एक बार फिर वैक्सीन की कमी को लेकर आवाज उठाई तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सरकार का बचाव करने उतर गए.
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