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मॉडर्ना वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी: कितनी कारगर,क्या है खासियत?

भारत में मॉडर्ना की COVID Vaccine को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है.

क्विंट हिंदी
कोरोनावायरस
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<div class="paragraphs"><p>(फोटो: क्विंट हिंदी)</p></div>
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(फोटो: क्विंट हिंदी)

भारत में मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन को मिली मंजूरी

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भारत में अमेरिकी फार्मासूटिकल कंपनी मॉडर्ना (Moderna) की कोविड वैक्सीन (COVID Vaccine) को मंजूरी मिल गई है. भारत के ड्रग रेगुलेटर, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 29 जून को मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की मंजूरी मिली हुई है. भारत में अभी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका-SII की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक वी को मंजूरी मिली हुई है.

मॉडर्ना वैक्सीन कैसे बनी है? कैसे काम करती है? इसके साइड इफेक्ट्स क्या हैं? जानिए हर सवाल का जवाब.

कैसे काम करती है मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन?

मॉडर्ना, फाइजर की तरह ही एक mRNA वैक्सीन है. वैक्सीन में हमारी कोशिकाओं को कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन बनाने के निर्देश होते हैं. हमारा शरीर एंटीबॉडी बनाता है, जो वायरस के संपर्क में आने पर प्रोटीन को पहचानते हैं और उन पर हमला करते हैं.

वैक्सीन कितनी प्रभावी है?

मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन 18 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों में असरदार पाई गई है. दोनों डोज लेने के बाद ये वायरस के खिलाफ 94.1% तक प्रभावी पाई गई है.

क्या दूसरे वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है वैक्सीन?

कंपनी के एक बयान के मुताबिक, ये कोरोना वायरस के अल्फा और बीटा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है.

अगर दूसरी mRNA वैक्सीन, फाइजर को मार्कर माना जाए, तो मॉडर्ना की वैक्सीन दोनों डोज के बाद डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी सुरक्षा देती है. हालांकि, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन के असर को लेकर और डेटा की जरूरत है. भारत की कोविड टास्क फोर्स के ये स्थापित करने के लिए अब तक कोई वैज्ञानिक डेटा नहीं है कि नया वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है या वैक्सीन की प्रभावकारिता को कम करता है.

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वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

वैक्सीन लगवाने के बाद, उस जगह पर लाल होना, दर्द और सूजन जैसी शिकायत हो सकती है. साथ ही, थकान, सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द और जी मचलाना जैसे साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं.

मॉडर्ना की वैक्सीन की कितनी डोज लगेंगी?

कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तरह ही, मॉडर्ना वैक्सीन के भी दो डोज लगवाने होंगे. ये 28 दिनों के अंतराल पर लेने होंगे. WHO की वेबसाइट के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर गैप को 42 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है.

वैक्सीन को कितने तापमान पर रखा जाता है?

मॉडर्ना की वैक्सीन को सामान्य कोल्ड चेन में 30 दिनों तक रखा जा सकता है. सात महीने या लंबी अवधि के लिए इसे -25 से -15 डिग्री सेल्सियस के बीच स्टोर किया जाना चाहिए.

मॉडर्ना अगले साल भारत में सिंगल डोज कोविड बूस्टर वैक्सीन भी लॉन्च करने की तैयारी में है.क्या बच्चों के लिए भी सुरक्षित है मॉडर्ना की वैक्सीन?

कंपनी ने मई 2021 में अपने बयान में बताया था कि उसकी वैक्सीन 12 साल के बच्चों में भी असरदार पाई गई है. 12 से 17 साल के बच्चों के क्लिनिकल ट्रायल में, वैक्सीन में कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई. हालांकि, इसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली है.

अमेरिका और कनाडा में फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन को 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए मंजूरी मिल गई है. वहीं, भारत में किसी भी वैक्सीन को 18 साल से कम उम्र वालों के लिए मंजूरी नहीं मिली है. भारत में इसे लेकर ट्रायल्स चल रहे हैं.

मॉडर्ना अगले साल भारत में सिंगल डोज कोविड बूस्टर वैक्सीन भी लॉन्च करने की तैयारी में है.

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