Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019COVAXIN को इस महीने के अंत तक WHO से मिल सकती है मंजूरी- नीति आयोग

COVAXIN को इस महीने के अंत तक WHO से मिल सकती है मंजूरी- नीति आयोग

COVAXIN को डब्लूएच्ओ से मान्यता मिल जाने के बाद विदेश यात्रा पर खत्म हो जाएगी अनिवार्य क्वारंटाइन की बाध्यता

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<div class="paragraphs"><p>कोवैक्सीन को लेकर&nbsp;नीति आयोग ने जारी किया बयान</p></div>
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कोवैक्सीन को लेकर नीति आयोग ने जारी किया बयान

(फोटो: IANS)

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कोवैक्सीन (Covaxin) के आपातकालीन इस्तेमाल को विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की मंजूरी इस महीने के आखिरी हफ्ते तक मिल सकती है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने ये जानकारी दी है. पॉल ने कहा कि इसके बाद इसे अन्य देशों में उपयोग के लिए सुरक्षित माना जाएगा और आखिरकार वैक्सीन लेने वाले लोग अनिवार्य क्वारंटीन (Quarantine) के बिना विदेश यात्रा करने में सक्षम होंगे.

डॉ पॉल ने बताया कि, भारत बायोटेक के डोजियर की जुलाई से तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा,

हम सकारात्मक विकास के बारे में जानते हैं - डेटा साझाकरण, डेटा मूल्यांकन कई समीक्षाओं के माध्यम से चल रहा है और हम जानते हैं कि हम एक निर्णय बिंदु के करीब हैं. हमारा मानना ​​है कि महीने के अंत से पहले सकारात्मक फैसला आ सकता है."

'WHO को फैसला लेने के लिए समय देना चाहिए'

उन्होंने आगे कहा कि, हमें डब्ल्यूएचओ को विज्ञान के आधार पर निर्णय लेने के लिए समय देना चाहिए और फिर भी हम आशा करते हैं कि निर्णय जल्दी से लिया जाएगा क्योंकि कोवैक्सीन लेने वाले लोगों की यात्रा आदि की कुछ अनिवार्यताएं हैं, जिस कारण डब्ल्यूएचओ की सहमति महत्वपूर्ण है.

स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने संसद को बताया था कि भारत बायोटेक(Bharat Biotech) ने 9 जुलाई को पूर्व योग्यता के लिए आवेदन जमा किया था.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड (Covidshield) को डब्ल्यूएचओ(WHO) की पूर्व-योग्यता प्राप्त हुई है. भारती प्रवीण ने कहा था-

अन्य COVID-19 टीकों के अनुमोदन के लिए लगने वाले समय के आधार पर, यह अनुमान लगाया जाता है कि WHO प्रक्रिया को जमा करने की तारीख से लगभग दो से तीन महीने लगते है.

जून में, भारत में निर्मित टीकों को "टीकाकरण पासपोर्ट" के रूप में स्वीकार करने की अनिच्छा को लेकर, यूरोपीय संघ के साथ भारत का टकराव हुआ था.

तब भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर यूरोपीय संघ का रुख नहीं बदलता है, तो वो यूरोप से आने वाले यात्रियों के लिए क्वारंटीन छूट के संबंध में एक पारस्परिक नीति अपनाएगा.

इस टिप्पणी के बाद, यूरोपीय संघ के आठ देशों ने पुष्टि की थी कि वे भारत निर्मित कोविशील्ड को स्वीकार करेंगे.

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