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कोरोना वायरस का नया वेरिएंट- Omicron का संक्रमण धीरे-धीरे कई देशों में फैल रहा है. यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और अमेरिका जैसे बड़े देशों के अलावा, अब भारत, श्रीलंका और सिंगापुर जैसे छोटे देशों में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले इस वेरिएंट का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद से ही ये अफ्रीकी देश इससे जूझ रहा है. अब दक्षिण अफ्रीका के एक्सपर्ट्स के सामने एक और चुनौती आ गई है. वो है बच्चों में बढ़ता कोरोना संक्रमण.
दक्षिण अफ्रीका में बच्चों में संक्रमण के पीछे क्या है कारण?
दक्षिण अफ्रीका में बच्चों, खासकर की पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कोविड का संक्रमण और अस्पताल में भर्ती में तेजी देखी जा रही है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेबल डिजीज (NICD) के डॉ Waasila Jassat ने कहा, "हमने पहले बच्चों को ज्यादा प्रभावित होते हुए नहीं देखा. तीसरी लहर में, हमने पांच साल से कम बच्चों 15 से 19 साल के बच्चों की भर्तियां देखी. अब चौथी लहर में, हम सभी उम्र के वर्गों में वृद्धि देख रहे हैं."
डॉ Jassat ने कहा, "जैसा कि अपेक्षित था, बच्चों में घटना अभी भी सबसे कम है. हालांकि, पांच साल से कम उम्र के लोगों में ये घटना अब दूसरे स्थान पर है और 60 से अधिक उम्र के लोगों के बाद दूसरे नंबर पर है."
बच्चों की वैक्सीनेशन इतने बड़े लेवल पर नहीं?
कोरोना के नए वेरिएंट्स जहां पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय हैं, वहीं इसने बच्चों को और खतरे में डाल दिया है. दुनिया के कई देशों में अभी पूरी तरह से पूरी व्यस्क आबादी को ही कोविड वैक्सीन नहीं लगी है और कई गरीब देश वैक्सीन लगाने में काफी पीछे हैं.
भारत में ओमिक्रॉन के तीन मामले सामने आ चुके हैं. कोविड की खतरनाक दूसरी लहर के बाद, तीसरी लहर से बचने के लिए भारत के पास वैक्सीनेशन ही सबसे तेज हथियार है. भारत में अभी तक 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है.
3 दिसंबर को, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि सरकार वैज्ञानिक सलाह के आधार पर बच्चों के टीकाकरण और कोविड के लिए बूस्टर डोज के मुद्दों पर आगे बढ़ेगी.
किन देशों में बच्चों को दी जा रही वैक्सीन?
हालांकि, कई देशों ने बच्चों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है. हंगरी ने मई में 16 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन देना शुरू किया था. एस्टोनिया, डेनमार्क, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लिथुआनिया, स्पेन, स्वीडन और फिनलैंड 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को वैक्सीन की पेशकश कर रहे हैं. नॉर्वे ने भी सितंबर में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन की एक डोज को अप्रुव किया था.
स्विट्जरलैंड ने जून में फाइजर के शॉट के साथ 12 से 15 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी, और दो महीने बाद मॉडर्ना को अप्रुव किया. दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन दे रहे हैं.
यूरोपियन यूनियन 13 दिसंबर से 5 से 11 साल के बच्चों को वैक्सीन देने का प्लान किया है. चेक गणराज्य ने भी 5 से 11 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन के शॉट ऑर्डर किए हैं. जर्मनी भी 12 साल से कम बच्चों को अगले साल से वैक्सीन दे सकती है.
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