Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Coronavirus Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019AstraZeneca के मुकाबले कम प्रभावशाली है फाइजर की कोरोना वैक्सीन: स्टडी

AstraZeneca के मुकाबले कम प्रभावशाली है फाइजर की कोरोना वैक्सीन: स्टडी

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में पाया गया कि उन लोगों में बचाव की जरूरत ज्यादा थी जो पहले से संक्रमित हैं

क्विंट हिंदी
कोरोनावायरस
Updated:
<div class="paragraphs"><p>डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कम प्रभावशाली है&nbsp; वैक्सीन</p></div>
i

डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कम प्रभावशाली है  वैक्सीन

(फोटो- द क्विंट)

advertisement

एक रिपोर्ट के मुताबिक COVID-19 के खिलाफ Pfizer-BioNTech वैक्सीन की प्रभावशीलता AstraZeneca की तुलना में तेजी से घटती है.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford) के शोधकर्ताओं ने कहा कि Pfizer-BioNTech की नए COVID-19 संक्रमण के खिलाफ दो खुराक में प्रारंभिक प्रभावशीलता अधिक है, लेकिन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की दो खुराक की तुलना में यह तेजी से घटती है.

यह बात एक स्टडी में बताई गई है जो Britain Office में National Statistics के लिए सर्वे किया गया. जिसमें पिछले साल दिसंबर से इस महीने तक चुने गए घरों में आरटी-पीसीआर टेस्ट किए गए थे.

यूनिवर्सिटी की Nuffield Department of Medicine के अनुसार यह पाया गया है कि फाइजर और एस्ट्राजेनेका के बीच दूसरी खुराक के बाद रोग से लड़ने की गतिशीलता काफी अलग होती है.

फाइजर के साथ ये देखा गया कि उसका शुरुआती प्रभाव तो अच्छा है लेकिन टीकाकरण पूरी तरह से होने के कई महीनों के बाद संक्रमण के खिलाफ इसकी क्षमता तेजी से घटती जाती है.

अमेरिका और इजरायल में बूस्टर डोज

रिजल्ट में पता चलता है कि चार से पांच महीने के बाद इन दोनों टीकों की प्रभावशीलता समान होगी. वैज्ञानिकों ने जोर देकर कहा कि अभी दीर्घकालिक प्रभावों का अध्ययन करने की आवश्यकता है.

अध्ययन में ये सामने आया कि इजरायल (Israel) प्रशासन ने 58 प्रतिशत आबादी को फाइजर के दोनो टीके देने के बाद बूस्टर डोज दे रहा है.

Pfizer और Moderna टीकों की घटती प्रभावशीलता को देखते हुए अमेरिका (America) भी एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज देने की तैयारी में है.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में पाया गया कि उन लोगों में बचाव की जरूरत ज्यादा थी जो पहले से संक्रमित हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इसमें पहले 18 वर्ष से ऊपर के तीन लाख लोगों पर एल्फा वेरिएंट का अध्ययन किया गया जो साउथवेस्ट इंग्लैंड के केन्ट में पाया गया था, और दूसरा अध्ययन 21 मई के बाद का किया गया जब डेल्टा वेरिएंट की संख्या पहले से ज्यादा थी.

इससे यह साबित होता है डेल्टा वेरिएंट पर टीके का असर कम है, जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी.

AstraZeneca वैक्सीन इंग्लैंड में सबसे ज्यादा लगाया जाने वाला टीका है. जबकि 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों को Blood Clotting (खून के थक्के जमना) की समस्या के कारण Pfizer और Moderna दी जाती है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 19 Aug 2021,05:01 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT