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एक रिपोर्ट के मुताबिक COVID-19 के खिलाफ Pfizer-BioNTech वैक्सीन की प्रभावशीलता AstraZeneca की तुलना में तेजी से घटती है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford) के शोधकर्ताओं ने कहा कि Pfizer-BioNTech की नए COVID-19 संक्रमण के खिलाफ दो खुराक में प्रारंभिक प्रभावशीलता अधिक है, लेकिन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की दो खुराक की तुलना में यह तेजी से घटती है.
यूनिवर्सिटी की Nuffield Department of Medicine के अनुसार यह पाया गया है कि फाइजर और एस्ट्राजेनेका के बीच दूसरी खुराक के बाद रोग से लड़ने की गतिशीलता काफी अलग होती है.
फाइजर के साथ ये देखा गया कि उसका शुरुआती प्रभाव तो अच्छा है लेकिन टीकाकरण पूरी तरह से होने के कई महीनों के बाद संक्रमण के खिलाफ इसकी क्षमता तेजी से घटती जाती है.
रिजल्ट में पता चलता है कि चार से पांच महीने के बाद इन दोनों टीकों की प्रभावशीलता समान होगी. वैज्ञानिकों ने जोर देकर कहा कि अभी दीर्घकालिक प्रभावों का अध्ययन करने की आवश्यकता है.
अध्ययन में ये सामने आया कि इजरायल (Israel) प्रशासन ने 58 प्रतिशत आबादी को फाइजर के दोनो टीके देने के बाद बूस्टर डोज दे रहा है.
Pfizer और Moderna टीकों की घटती प्रभावशीलता को देखते हुए अमेरिका (America) भी एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज देने की तैयारी में है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में पाया गया कि उन लोगों में बचाव की जरूरत ज्यादा थी जो पहले से संक्रमित हैं.
इसमें पहले 18 वर्ष से ऊपर के तीन लाख लोगों पर एल्फा वेरिएंट का अध्ययन किया गया जो साउथवेस्ट इंग्लैंड के केन्ट में पाया गया था, और दूसरा अध्ययन 21 मई के बाद का किया गया जब डेल्टा वेरिएंट की संख्या पहले से ज्यादा थी.
इससे यह साबित होता है डेल्टा वेरिएंट पर टीके का असर कम है, जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी.
AstraZeneca वैक्सीन इंग्लैंड में सबसे ज्यादा लगाया जाने वाला टीका है. जबकि 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों को Blood Clotting (खून के थक्के जमना) की समस्या के कारण Pfizer और Moderna दी जाती है.
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