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फाइजर ने भारत में वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की इजाजत मांगी-रिपोर्ट

अमेरिका की फाइजर और उसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन ट्रायल्स में 95 फीसदी तक कारगर दिखी है.

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फाइजर ने जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ मिलकर विकसित की है कोविड वैक्सीन
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फाइजर ने जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ मिलकर विकसित की है कोविड वैक्सीन
(फोटो: iStock)

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कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन डेवलप करने वाली अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर ने भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) इजाजत मांगी है. कुछ दिनों पहले ही फाइजर और उसकी जर्मन पार्टनी बायोएनटेक की कोविड वैक्सीन को यूनाइटेड किंगडम में इमरजेंसी यूज के लिए इजाजत दी गई थी. वहीं, बहरीन इस वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दूसरा देश बन गया है.

न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि फाइजर ने 4 दिसंबर को दी अपनी एप्लीकेशन में, देश में सेल और वितरण के लिए वैक्सीन के इंपोर्ट की इजाजत मांगी है. इसके अलावा फाइजर ने नए ड्रग्स और क्लीनिकल ट्रायल्स रूल्स, 2019 के विशेष प्रावधानों के तहत, भारत की आबादी पर क्लीनिकल ट्रायल की छूट देने का भी अनुरोध किया है.

UK बना अनुमति देने वाला पहला देश

2 दिसंबर को, यूके फाइजर/बायोएनटेक की कोविड वैक्सीन को इजाजत देने वाला पहला देश बन गया. यूके के मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी अथॉरिटी (MHRA) ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए वैक्सीन की अनुमति दी है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूके में इस हफ्ते से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. NHS ने वैक्सीनेशन के लिए प्लान भी तैयार किया है. इसमें डॉक्टर्स, नर्स जैसे फ्रंटलाइन हेल्थकेयर कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी. बताया जा रहा है कि यूके में इस हफ्ते वैक्सीन के करीब 8 लाख उपलब्ध होंगे.

बहरीन ने भी दिया फाइजर को अप्रूवल

बहरीन ने शुक्रवार, 4 दिसंबर को फाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए अनुमति दे दी है. हालांकि, बहरीन ने ये साफ नहीं किया है कि टीकाकरण की प्रक्रिया कब शुरू की जाएगी.

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ट्रायल्स में दिखी 95% कारगर

अमेरिका की फाइजर और उसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन ट्रायल्स में 95 फीसदी तक कारगर दिखी है. कंपनी ने अपने बयान में कहा था कि उसके ट्रायल्स में कैंडिडेट्स में सुरक्षा को लेकर भी कोई परेशानी नहीं दिखी है.

कंपनी द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, निष्कर्षों से पता चला है कि पहली बार डोज दिए जाने के 28 दिनों बाद और दूसरे बार दो खुराक दिए जाने के सात दिन बाद मरीजों को राहत मिली है.

इस वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस के अल्ट्रा-कोल्ड तापमान में स्टोर करना पड़ता है. हालांकि, कंपनी का ये भी कहना है कि इसे पांच दिनों तक फ्रिज मं 2-8 डिग्री सेल्सियस पर भी स्टोर किया जा सकता है.

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