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राजस्थान: वैक्सीनेशन को अनिवार्य बनाने के लिए सरकार जारी करेगी नए निर्देश

CM अशोक गहलोत ने नागरिकों से कोरोना नियमों का पालन करने का अनुरोध किया

क्विंट हिंदी
कोरोनावायरस
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राजस्थान: वैक्सीनेशन को अनिवार्य बनाने के लिए सरकार जारी करेगी नए निर्देश

(फोटो- क्विंट हिन्दी)

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राजस्थान (Rajsthan) में तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रॉन (Omicron) मामलों और तीसरी लहर के खतरों के चलते कोरोना वैक्सीनेशन को अनिवार्य किए जाने की तैयारी हो रही है.

राज्य का कोई भी नागरिक वैक्सीन लगवाने से इनकार न करे, इसलिए राज्य सरकार नए दिशा-निर्देश जारी करेगी.

शुक्रवार, 25 दिसंबर को हुई समीक्षा बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश के कई राज्यों में भी इसके मामले सामने आने के कारण फिर से एहतियात बरती जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थिति में सूबे के सभी नागरिक कोरोना प्रोटोकॉल और नाइट कर्फ्यू का पालन करें, नहीं तो सरकार द्वारा सख्त कदम उठाए जा सकते हैं.

कोरोना टीकाकरण जल्द ही अनिवार्य किया जाएगा, राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी टीका लगवाने से मना न करे. वैक्सीनेशन अनिवार्य करने के लिए जल्द ही दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी, 2022 तक सभी वैक्सीन की दूसरी डोज आवश्यक रूप से लगवाएं और जिला कलेक्टर्स शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित करें.
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान

मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना समीक्षा बैठक में गहलोत ने कहा कि आम नागरिक ओमिक्रॉन वेरिएंट को गंभीरता से लें और किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें. सभी आवश्यक रूप से मास्क पहनें और भीड़भाड़ से बचें. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुछ दिनों तक अभियान चलाकर आमजन को मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूक किया जाए, और बाद में किसी के द्वारा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर सख्ती बरतें.

उन्होंने हेल्थ डिपार्टमेंट को निर्देश देते हुए कहा कि पहचान की गई जगहों पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाए, जिससे संक्रमित व्यक्तियों की शीघ्र पहचान हो सके.

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‘बूस्टर डोज पर फैसला ले केन्द्र’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचाव के लिए जरूरी है कि निर्धारित आयु समूह का शत-प्रतिशत टीकाकरण हो. साथ ही, जिन्हें दोनों डोज लग चुकी है उन्हें बूस्टर डोज लगे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी बूस्टर डोज के संबंध में अपनी सहमति व्यक्त की है. ऐसे में भारत सरकार इस पर शीघ्र निर्णय लेकर देशभर में बूस्टर डोज लगाना प्रारंभ करे. केन्द्र सरकार 60 साल से ऊपर के लोगों एवं फ्रंटलाइन वर्कर को बूस्टर डोज लगाने पर गंभीरता से विचार करे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य सरकार आग्रह करेगी कि पात्र व्यक्तियों को बूस्टर डोज लगे और बच्चों के लिए भी टीकाकरण शुरू किया जाए.
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान

उन्होंने आगे कहा कि सभी ने कोरोना की दूसरी लहर का भयावह मंजर देखा है, जिसमें ऑक्सीजन और बैड को लेकर गंभीर संकट पैदा हो गया था. ब्लैक फंगस के सैंकड़ों मरीज सामने आए थे. ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण विशेषज्ञ लगातार इस ओर इशारा कर रहे हैं कि तीसरी लहर से बचाव की सभी पूर्व तैयारियां की जाएं.

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे वैक्सीनेशन आवश्यक रूप से कराएं, क्योंकि यही कोरोना संक्रमण से बचाव का कारगर उपाय है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि जिस तरह तमिलनाडु, पंजाब ने वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया है, उसी तरह हमें भी वैक्सीन अनिवार्य करनी पड़ेगी. कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने से इंकार नहीं कर सकता, ये उसका अधिकार नहीं है.

उन्होंने कहा कि हमें इसे अनिवार्य करना ही पड़ेगा, हमने जब मास्क लगाने का कानून पास किया तो वैक्सीन को भी अनिवार्य कर सकते हैं. लोगों को समय दे सकते है कि एक महीने में वैक्सीन लगवा ले नहीं तो जुर्माना देना होगा, जो वैक्सीन नहीं लगाएगा, उसे सरकारी योजना का लाभ न दें.

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