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मौसम में बदलाव के साथ बीमारियों में भी बढ़ोतरी हो रही है. ये समस्या हर साल की है, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से अब स्वास्थ्य हमारी बड़ी प्राथमिकता बन चुकी है.
लेकिन फ्लू के इस मौसम में यह समझना जरूरी है कि यह कोरोना से कैसे अलग है. इसे समझने का सबसे बेहतर तरीका है कि लक्षणों में अंतर खोजा जाए.
फ्लू और कोरोना के कारणों में क्या अंतर है?
इन्फ्लुएंजा (फ्लू) और कोरोना दोनों अलग-अलग वायरस के कारण होने वाली सांस की संक्रामक बीमारियां हैं.
कोरोना नए-नए कोरोना वायरस के स्वरूपों से होता है, जिसकी पहचान पहली बार चीन में हुई थी.
फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से होता है.
कोरोना और फ्लू में समानताएं क्या हैं?
श्वसन संबंधी सभी बीमारियों के कुछ समान लक्षण होते हैं:
बुखार (100 डिग्री फेरेनाइट से ज्यादा)
ठंड लगना और थकान
सिरदर्द
खांसी
गले में खराश
नाक बहना
शरीर में दर्द
मुझे अपना टेस्ट कब करवाना चाहिए?
डॉक्टरों का मानना है कि यदि लक्षण 48 घंटे से ज्यादा समय तक बने रहते हैं या स्थिति खराब हो जाती है, तो COVID-19 का टेस्ट करवाना चाहिए.
कोरोना के लक्षण फ्लू से कैसे अलग हैं?
'क्विंट फिट' के मुताबिक, ये कोरोना के वो लक्षण हैं जो कोरोना को फ्लू से अळग करेंगे-
सांस लेने में समस्या
गंध और स्वाद का न आना
त्वचा पर चकत्ते हो जाना
दोनों वायरस से संक्रमण के बाद लक्षण दिखने में कितना समय लगता है?
फ्लू से अगर कोई संक्रमित हो जाए तो लक्षण दिखने में 1 से 4 दिन का समय लग जाता है.
आम तौर पर कोरोना के लक्षण दिखने में 2 से 14 दिन का समय लगता है.
कोरोना और फ्लू में ज्यादा गंभीर कौन है और कौन सा वायरस तेजी से फैलता है?
कोरोना ज्यादा संक्रामक है और फ्लू की तुलना में तेजी से भी फैलता है. इन्फ्लूएंजा (फ्लू) की तुलना में कोरोना ही ज्यादा गंभीर है और ये कई बार होता है. कई अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना की मृत्यु दर भी फ्लू की तुलना में ज्यादा है.
फ्लू और कोरोना के लिए कौन सी वैक्सीन उपलब्ध है?
फ्लू से बचाव के लिए कई इन्फ्लूएंजा वैक्सीन उपलब्ध हैं जो एफडीए प्रमाणित हैं.
कोरोना से सुरक्षा के लिए केवल सीमित संख्या में वैक्सीन का उत्पादन किया गया है - जिन्हें आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूर किया गया है. भारत में कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक वी का लगवा सकते हैं, यदि आपकी उम्र 18 साल से अधिक है.
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