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चुनाव 2019: 7वें फेज के 19% उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले

देश में चल रहे चुनाव में लगभग हर पार्टी ने अपराधिक केस वाले कैंडिडेट मैदान में उतारे हैं

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7वें चरण के चुनाव में किस पार्टी ने उतारे कितने दागी उम्मीदवार?
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7वें चरण के चुनाव में किस पार्टी ने उतारे कितने दागी उम्मीदवार?
(फोटोः The Quint)

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19 मई को देश में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण की वोटिंग होगी. सातवें फेज के चुनाव से पहले कुल 909 उम्मीदवारों में से 170 (19%) ने हलफनामे में जानकारी दी है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. इनमें से 127 (14%) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

हर पार्टी में मौजूद हैं आपराधिक केस वाले कैंडिडेट

देश में चल रहे चुनाव में लगभग हर पार्टी ने आपराधिक केस वाले कैंडिडेट मैदान में उतारे हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी के 43 में से 18 उम्मीदवार (42%), कांग्रेस के 45 में से 14 (31%), बहुजन समाज पार्टी के 39 में से छह (15%) और आम आदमी पार्टी के 14 में से तीन (21%) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले चलने की जानकारी दी है. कुल 313 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 29 (9%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

नेशनल इलेक्शन वॉच और एडीआर ने सातवें चरण के कुल 918 में से 909 उम्मीदवारों के हलफनामों का एनालिसिस किया है. इनमें से 159 उम्मीदवार राष्ट्रीय दलों से, 68 राज्य स्तरीय पार्टियों से, 369 नॉन रजिस्टर्ज पार्टियों से हैं और 313 उम्मीदवार निर्दलीय हैं. 

गंभीर अपराध के लिए है अलग डेटा

जिन नेताओं ने अपने खिलाफ अपराधिक केस घोषित किए हैं, उनमें से ज्यादातरों के खिलाफ गंभीर केस हैं. गंभीर अपराध वाले कैंडिडेट का डेटा डेटा अलग से तैयार किया गया है.

बीजेपी के 43 में से 15 (35 फीसदी), कांग्रेस के 45 में से 10 (22 फीसदी), बीएसपी के 39 में से चार (10 फीसदी), एआईएडीएमके के 22 में से एक (14 फीसदी), डीएमके के 24 में से सात (29 फीसदी), और AAP के 14 में से एक (7 फीसदी) और 313 निर्दलीयों में से 24 (8 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

सातवें चरण में 59 सीटों में से 33 ‘रेड अलर्ट’ सीटें हैं. ‘रेड अलर्ट’ सीट उसे कहा जाता है, जहां के तीन या उससे अधिक उम्मीदवार अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित करते हैं.
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किस तरह के केस हैं दर्ज

पांच उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ दोषी ठहराए जा चुके मामले घोषित किए हैं, जबकि 12 ने हत्या से जुड़े मामले घोषित किए हैं. 34 मामले हत्या के प्रयास से संबंधित हैं और सात अपहरण से जुड़े मामले हैं.

20 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले की बात स्‍वीकारी है. उनमें से दो ने दुष्कर्म से संबंधित मामले घोषित किए हैं. 10 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ नफरत वाले भाषण से जुड़े मामले घोषित किए हैं.

कैंडिडेट के फाइनेंशियल स्थिति के बारे में जानें

जहां तक उम्मीदवारों की फाइनेंशियल स्थिति की बात है, 278 (31%) उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ रुपये या उससे अधिक है. कांग्रेस के 45 उम्मीदवारों में से 40 (89%), बीजेपी के 43 में से 36 (84%), बीएसपी के 39 में से 11 (28%), AAP के 14 में से नौ (64%), और 313 निर्दलियों में से 59 (19%) उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक घोषित की है.

(इनपुट IANS)

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