मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चुनाव आयुक्त लवासा बोले, SC की फटकार के बाद एक्शन में आया आयोग

चुनाव आयुक्त लवासा बोले, SC की फटकार के बाद एक्शन में आया आयोग

चुनाव आयुक्त लवासा ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

क्विंट हिंदी
चुनाव
Published:
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (बाएं), बीच में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा.
i
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (बाएं), बीच में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा.
(फोटो: PTI)

advertisement

लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, अब सभी को नतीजों का इंतजार है. लेकिन इस पूरे चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में चुनाव आयोग रहा. अब चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने एक बार फिर आयोग के कामकाज पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की कड़ी निगरानी और फटकार लगाने के बाद चुनाव आयोग एक्शन में आया और हेट स्पीच पर कार्रवाई हुई.

चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नेताओं के विवादित बयानों पर कार्रवाई करने को कहा था. जिसके बाद चुनाव आयोग ने बीएसपी चीफ मायावती, एसपी नेता आजम खान, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और मेनका गांधी पर कार्रवाई की थी. चुनाव आयोग ने इन नेताओं पर कुछ घंटों के चुनाव प्रचार का बैन लगाया था.

नहीं सुना अल्पमत का फैसला

लवासा ने कहा, अगर चुनाव आयोग की फुल कमीशन बैठक में फैसला बहुमत के आधार पर ही होना है और आप अल्पमत की राय को फैसले शामिल नहीं करते हैं, तो अल्पमत की राय का क्या मतलब बनता है? सभी ऐसी बॉडी जिनमें एक से ज्यादा लोग फैसला लेते हैं, उनका काम करने का एक तरीका होता है. चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और इसे अपनी प्रक्रिया को फॉलो करना चाहिए.

कई मामलों में सहमत नहीं थे लवासा

लवासा ने इससे पहले आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की सुनवाई से खुद को अलग करने की बात कही थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि कई मामलों में उनकी राय नहीं सुनी गई. पीएम मोदी और अमित शाह के मामलों में भी लवासा क्लीन चिट दिए जाने को लेकर सहमत नहीं थे. लवासा ने चुनाव आयोग की बैठकों से भी किनारा कर लिया था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अशोक लवासा के खुद को चुनाव आयोग की बैठकों से अलग करने वाले फैसले के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सामने आकर सफाई दी थी. उन्होंने कहा था, 'यह विवाद ऐसे समय में पैदा हुआ है, जब देशभर में सभी सीईओ (मुख्य चुनाव अधिकारी) और उनकी टीमें कल होने वाले सातवें और अंतिम चरण के मतदान और उसके बाद 23 मई की मतगणना के लिए अपनी तैयारी में जुटी हुई हैं. यह स्पष्ट करना जरूरी है कि यह ईसीआई का एक आंतरिक मामला है और इस संबंध में किसी अनुमान से बचा जाना चाहिए'

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT