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बरेली में कुर्मी के मुकाबले कुर्मी उम्मीदवार ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी के मजबूत किले बरेली में मुकाबला बेहद दिलचस्प बना दिया है. मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार बरेली से लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.
लेकिन इस बार उनके सबसे बड़े सपोर्ट बेस कुर्मी वोट पर सेंध लगाने के लिए समाजवादी पार्टी ने भी कुर्मी उम्मीदवार भगवत शरण गंगवार को उतारकर ऐसे में बीजेपी का जातिगत गणित गड़बड़ा दिया है. हालांकि संतोष गंगवार का दावा है...
बरेली लोकसभा सीट में कुल वोटरों का 20 परसेंट यानी करीब 3 लाख 80 हजार कुर्मी वोट है. इसी वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार को उतार दिया है. वो कई बार इसी इलाके से विधानसभा सीट जीत चुके हैं. ऐसे में अब बीजेपी और एसपी के बीच कुर्मी वोटों को लेकर कड़ी जंग होने की गारंटी है.
लेकिन केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उनका कहना है-
बरेली लोकसभा सीट पर अब तक 16 बार चुनाव हुए हैं, इनमें से 7 बार भारतीय जनता पार्टी ने बाजी मारी है, और सातों बार संतोष गंगवार ही सांसद बने हैं. 6 बार वो लगातार जीते हैं.
1952, 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की. लेकिन 1962 और 1967 के चुनाव में यहां कांग्रेस को भारतीय जनसंघ के हाथों हार मिली. इसके बाद 1971 में कांग्रेस एक बार फिर लौटी, साल 1977 में इस सीट पर भारतीय लोक दल ने कब्जा जमाया. इसके बाद 1980 और 1984 में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा.
भगवत शरण गंगवार बरेली की नवाबगंज विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके है. उनकी गिनती बड़े कुर्मी नेताओं में होती है. भगवतशरण गंगवार इससे पहले भी साल 2009 में बरेली संसदीय सीट से किस्मत आजमा चुके हैं. लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन कुर्मी वोटों में बंटवारे की वजह से संतोष गंगवार भी चुनाव हार गए थे.
इस बार भगवत शरण गंगवार समाजवादी पार्टी और बीएसपी गठबंधन के उम्मीदवार हैं. 2014 में एसपी और बीएसपी को मिलाकर 3.83 लाख वोट मिले थे जबकि संतोष गंगवार को 5.18 लाख वोट मिले थे. इस बार यहां बीएसपी की तरफ से कोई उम्मीदवार नहीं है इसलिए नतीजा किसी भी तरफ जा सकता है.
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