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बिहार चुनाव : सुशांत केस से जनभावना को भुनाने में जुटे राजनीतिक दल

बिहार विधानसभा चुनाव में यूं तो सारे राजनीतिक दल एक दूसरे के खिलाफ सियासी तलवारें भांजने में जुटे

आईएएनएस
बिहार चुनाव
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बिहार चुनाव : सुशांत केस से जनभावना को भुनाने में जुटे राजनीतिक दल
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बिहार चुनाव : सुशांत केस से जनभावना को भुनाने में जुटे राजनीतिक दल
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बिहार विधानसभा चुनाव में यूं तो सारे राजनीतिक दल एक दूसरे के खिलाफ सियासी तलवारें भांजने में जुटे हैं, लेकिन सिर्फ एक ही ऐसा मुद्दा है, जिसने मजबूरन सभी राजनीतिक दलों को एकजुट कर रखा है. यह मुद्दा है अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत का. बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, लोजपा समेत सभी दलों के छोटे, मंझोले नेताओं से लेकर शीर्ष नेता तक इस मुद्दे पर आवाज बुलंद करने में जुटे हैं. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तेवर भी आक्रामक हैं. वह भी मुखर हो चले हैं. पटना निवासी सुशांत की मौत से उपजे जनाक्रोश और उससे जुड़ीं जनता की भावनाओं को देखते हुए राजनीतिक दल इस मुद्दे पर लगातार बयानबाजी में करने में जुटे हैं.

नीतीश कुमार के रिएक्शन से गंभीरता का लगाया जा सकता है अंदाज

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते सोमवार को जिस तरह से जेडीयू की पहली ऑनलाइन रैली के दौरान सुशांत सिंह राजपूत केस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, उससे बिहार के विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसा राजनीतिक के जानकारों का कहना है. नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच से सुशांत सिंह राजपूत के करोड़ों प्रशंसकों को इंसाफ की उम्मीद जताई. यह भी कहा कि सुशांत की संदिग्ध मौत से बिहार ही नहीं देश के करोड़ों लोगों को सदमा लगा है. उन्होंने संकेतों में मुंबई पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए. कहा कि जिस तरह से इस मामले की जांच होनी चाहिए थी, उस तरह से नहीं हो रही थी, जिस पर सुशांत के पिता की गुहार पर बिहार सरकार ने मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की.

बीजेपी के बिहार प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन का आईएएनएस से कहना है कि पार्टी के पास मुद्दों की कमी नहीं है. मोदी सरकार और बिहार की एनडीए सरकार के विकास कार्यो के दम पर चुनाव लड़ रही है. जहां तक सुशांत सिंह राजपूत केस की बात है तो हम इस मामले की सही जांच की मांग उठाते रहे हैं. सीबीआई जांच से सारी सच्चाई सामने आएगी.

क्रेडिट लेने की होड़

सुशांत सिंह राजपूत केस की सीबीआई जांच का क्रेडिट लेने की होड़ में मुख्य विपक्षी दल आरजेडी भी शामिल है. आरजेडी की ओर से बीते दिनों जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, "सबसे पहले किसी नेता ने सुशांत सिंह की दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में मौत पर जनभावना की मांग के अनुरूप सीबीआई जांच की मांग की तो, वो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ही थे, जिन्होंने 30 जून की अपनी प्रेसवार्ता में ही इसकी मांग उठाई थी. बीते 19 अगस्त को तेजस्वी यादव का दिया यह बयान भी काबिलेगौर है, " सबसे पहले सुशांत केस में हमने सड़क से लेकर सदन तक सीबीआई जांच की मांग की थी और उसी का परिणाम था कि बिहार सरकार को कुंभकर्णी नींद से जागना पड़ा था. आशा है एक तय समय सीमा के अंदर न्याय मिलेगा."

आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव टीवी चैनलों से इस बात से नाराज हैं कि हंगामे तो बहुत हो रहे हैं, लेकिन कोई सुशांत के इंसाफ की बात नहीं कर रहा है. उन्होंने मंगलवार को जारी बयान में सितारे को इंसाफ दिलाने की बात कही. तेजप्रताप यादव ने कहा, "हंगामे तो बहुत हैं चैनलों पर, लेकिन सुशांत के इंसाफ की बात कोई नहीं कर रहा. साहब, इंसाफ दिलाओ."

बीजेपी लगातार मुखर

बीजेपी इस मुद्दे पर लगातार मुखर चल रही है. बिहार बीजेपी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की ओर से जारी एक पोस्टर हाल में सुर्खियों में आया, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत की तस्वीर के साथ स्लोगन लिखा है-न भूलेंगे, न भूलने देंगे. इससे पता चलता है कि बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी जनभावनाओं को भुनाने की कोशिश में है. इस संबंध में बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले का सच सबके सामने आना जरूरी है. सीबीआई जांच से सही बात सामने आएगी. लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी शुरूआत से सीबीआई जांच की मांग उठाते रहे हैं.

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