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बिहार चुनाव के नतीजे काफी दिलचस्प होते जा रहे हैं. जहां कई घंटों तक एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा था, वहीं अब मुकाबला कांटे का हो चुका है. राजनीतिक दलों के तमाम विश्लेषक इस बात पर चिंता कर रहे हैं कि आखिर उनका खेल किसने और कहां बिगाड़ा. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी कई उम्मीदवारों का गेम खराब किया है और महागठबंधन को कहीं न कहीं नुकसान पहुंचाया है. अब पार्टी के 4 उम्मीदवार जीत चुके हैं और 1 जीत के करीब है.
ओवैसी की पार्टी बिहार विधानसभा की 24 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. मुस्मिल बहुल इलाके सीमांचल में ओवैसी की पार्टी ने महागठबंधन को कहीं न कहीं नुकसान पहुंचाने का काम किया है. सीमांचल क्षेत्र की सीटों पर AIMIM के 14 उम्मीदवार मैदान में हैं.
अब बात करते हैं कि आखिर हम ये क्यों कह रहे हैं कि ओवैसी ने कांग्रेस और आरजेडी के समीकरण बिगाड़ दिए हैं. क्योंकि अब तक पार्टी को कुल 3,84,844 वोट मिल चुके हैं. वहीं अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो फिलहाल 1.23 फीसदी वोट हासिल कर चुकी है. ये सभी वोट लगभग मुस्लिम बहुल क्षेत्र से हैं, इसीलिए अगर ओवैसी के उम्मीदवार मैदान में नहीं होते तो ऐसे में ये वोट शेयर और लाखों वोट आरजेडी और कांग्रेस के खाते में जाते. कांटे के मुकाबले को देखते हुए यही लगता है कि ओवैसी ने कहीं न कहीं महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया.
ओवैसी की पार्टी के वोट शेयर और सीटों पर बढ़त के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी उन पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी ने जीत के लिए ओवैसी की पार्टी का इस्तेमाल किया और सभी सेक्युलर पार्टीज को इस बात से चौकन्ना रहना चाहिए कि ओवैसी साहब वोट कटर हैं.
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