Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Bihar election  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बिहार में बड़ा भाई बनते ही सुशील मोदी को ‘छोटा’ क्यों कर रही BJP?

बिहार में बड़ा भाई बनते ही सुशील मोदी को ‘छोटा’ क्यों कर रही BJP?

जैसे ही नतीजों में जेडीयू पर बीजेपी भारी पड़ी, ‘लगाम’ को ध्यान में रखते हुए सुशील कुमार मोदी का पत्ता कटा है.

क्विंट हिंदी
बिहार चुनाव
Updated:
 बिहार में बड़ा भाई बनते ही सुशील मोदी को ‘छोटा’ क्यों कर रही BJP?
i
बिहार में बड़ा भाई बनते ही सुशील मोदी को ‘छोटा’ क्यों कर रही BJP?
(फोटो: PTI/Altered by The Quint)

advertisement

‘’नीतीश कुमार बिहार एनडीए के कप्तान हैं, जब हमारे कैप्टन चौके और छक्के लगा रहे हैं और विरोधियों को हरा रहे हैं तो बदलाव का सवाल ही कहां उठता है.’’
सुशील मोदी, सितंबर 2019

सितंबर 2019 के करीब 1 साल 2 महीने बाद अब साफ है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं और उनके 'भरोसेमंद' डिप्टी सीएम पद से सुशील मोदी का 'पत्ता' कट गया है. पद जाने का गम सुशील मोदी के ट्वीट में दिखा, जिसमें वो लिखते हैं- ‘कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता.’ लगे हाथ केंद्रीय मंत्री और बिहार बीजेपी में सुशील मोदी के सहयोगी गिरिराज सिंह हिदायत देने से नहीं चूकते. वो लिख रहे हैं- 'सुशील जी आप बीजेपी के नेता रहेंगे ,पद से कोई छोटा बड़ा नहीं होता.'

ऐसा माना जाता है कि नीतीश कुमार के लिए अक्सर 'फिल्डिंग' करते नजर आते सुशील कुमार मोदी से बिहार बीजेपी का एक धड़ा खफा रहता था. जहां एक तरफ चुनाव से पहले बिहार बीजेपी के संजय पासवान, सीपी ठाकुर जैसा नेता नीतीश कुमार की जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाने की बात कहते दिखे तो सुशील मोदी पूरे दमखम के साथ नीतीश के साथ चलते रहे. ऐसे में कुछ लोग ऐसा भी मानने लगे थे कि सुशील मोदी की ऐसी कार्यशैली ही राज्य में बीजेपी को 'छोटा भाई' और 'फॉलोवर' बनाती है. अब जैसे ही नतीजों में जेडीयू पर बीजेपी भारी पड़ी, 'लगाम' को ध्यान में रखते हुए सुशील कुमार मोदी का पत्ता कटा है.

(फोटो:https://www.sushilmodi.in/)

सेकेंड जेनेरेशन भी तो चाहिए !

एक और बात ध्यान देने की है कि 'आंख बंदकर' ये सोचिए कि बिहार में नीतीश कुमार के बाद एनडीए में सेकेंड जेनेरेशन का नेता कौन है, जो 31 साल के तेजस्वी को टक्कर दे सकता है? यही हाल बीजेपी का भी है, जहां राज्य में टक्कर देने लायक कोई सेकेंड जेनेरेशन नेता नहीं दिखता. अब बीजेपी भले ही किसी यंग लीडर को ये डिप्टी सीएम का पद दे या ना दे लेकिन इस बदलाव के बाद वो जता देगी कि भविष्य में राज्य की सवारी अकेले करने के लिए वो बदलाव कर रही है.

कुल मिलाकर बिहार सरकार में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे 'सुशील कुमार मोदी' की राज्य की 'सियासत' अब थम गई है, हालांकि उन्हें केंद्र में जगह मिल सकती है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

प्रभावशाली रहा है सुशील मोदी का सियासी सफर

बात अगर सुशील कुमार मोदी के सियासी सफर की करें तो पटना छात्रसंघ के महामंत्री से लेकर डिप्टी सीएम तक कई भूमिका निभा चुके हैं. साल 2000 में पहली बार संसदीय कार्यमंत्री बने, 2005 से 2013 तक बिहार सरकार में डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री की भूमिका में रहे.

(फोटो:https://www.sushilmodi.in/)

सुशील कुमार मोदी ने GST सिस्टम लागू करने और उसके बाद पैदा हुई कई दिक्कतों को हल करने में अहम भूमिका निभाई है. UPA शासन के दौरान मोदी GST सिस्टम को लागू किए जाने के लिए बनाई गई एक सशक्त समिति के अध्यक्ष थे. ये समिति राज्यों के वित्त मंत्रियों का समूह था और इसका गठन नए इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम को बिना परेशानी के लागू किए जाने की देखरेख के लिए हुआ था. राज्यों और केंद्र के बीच GST को लेकर विश्वास पैदा करने का काम भी इसी समिति का था.

2011 में सुशील मोदी इस समिति के अध्यक्ष बने थे. मोदी का काम GST के मुद्दे पर सभी राज्यों के बीच सहमति बनाने का था. मोदी ने UPA सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ कामकाजी रिश्ते कायम किए और इसी के बाद GST पर दोबारा बातचीत आगे बढ़ी थी.

1990 में विधानसभा पहुंचे, 2004 में लोकसभा

साल 1997 से1986 तक संघ के प्रचारक के नाते विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहे सुशील मोदी पहली बार साल 1990 में विधानसभा पहुंचे. पटना केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र से ही साल 1995 और 2000 में भी जीतकर वो विधायक बने.

(फोटो:https://www.sushilmodi.in/)

साल 2004 में उन्होंने संसद का रुख किया और भागलपुर से लोकसभा पहुंचे. लेकिन अगले ही साल इस्तीफा देकर विधान परिषद के रास्ते बिहार सरकार में पहुंचे औऱ डिप्टी सीएम का पदभार ग्रहण किया. 2012 और 2018 में विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए. अब केंद्र में कोई पद संभाल सकते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 15 Nov 2020,09:05 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT