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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले, मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान एक युवक की जान चली गई थी. इस घटना पर जहां विपक्षी पार्टियां नीतीश सरकार पर हमला बोल रही हैं, वहीं, मुंगेर की एसपी लिपि सिंह भी लोगों के निशाने पर हैं. पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाते सोशल मीडिया पर लोगों ने लिपि सिंह को मुंगेर हिंसा के लिए कसूरवार ठहराया.
इस मामले में चुनाव आयोग ने 29 अक्टूबर को कार्रवाई की है. चुनाव आयोग ने मुंगेर के एसपी और डीएम को तुरंत हटाने के आदेश दिया है.
इस घटना पर पुलिस का कहना है कि विसर्जन के दौरान ‘कुछ असामाजिक तत्वों’ ने पुलिस को निशाना बनाया और पत्थरबाजी की. लेकिन लोगों ने पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया है.
लिपि सिंह पर बिहार की सत्ताधारी पार्टी JDU से करीबी होने के भी आरोप लग रहे हैं.
आईपीएस लिपि सिंह मुंगेर की एसपी हैं और जिले में कानून व्यवस्था की बनाए रखने की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है. लिपि सिंह को ‘लेडी सिंघम’ भी कहा जाता है.
इससे पहले, लिपि सिंह मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चा में आईं थीं. विधायक के घर छापा मारकर बम, बंदूकें बरामद की गई थीं. इस कार्रवाई के बाद ही, लिपि सिंह को ‘लेडी सिंघम’ कहा जाने लगा था.
लिपि सिंह एक राजनैतिक घराने से आती हैं. उनके पिता का नाम रामचंद्र प्रसाद सिंह है, जो JDU से राज्यसभा सांसद हैं. रामचंद्र प्रसाद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी बताया जा है.
मुंगेर हिंसा पर सभी विपक्षी पार्टियों ने नीतीश कुमार सरकार को घेरा है. RJD नेता तेजस्वी यादव ने पुलिस की तुलना 'जनरल डायर' से करते हुए लिखा, "महागठबंधन के साथियों संग आज तानाशाही NDA सरकार की गोली से शहीद श्रद्धालुओं को मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम बताए पुलिस को जनरल डायर बन निर्दोषों पर क्रूरतापूर्वक गोली चलाने की अनुमति किसने दी?" तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर 10 नवंबर को उनकी सरकार बनती है तो दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी.
LJP अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी सरकार पर सवाल उठाए.
महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने भी हमले की निंदा की और सख्त सजा की मांग की. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''जिन भक्तों के सिर पर माता की लाल चुनरी थी, पुलिस ने उनके सिर पर लाठियां मारीं.'' उन्होंने कहा कि बिहार में ‘निर्दयी कुमार और निर्मम मोदी’ की सरकार है.
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