Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Elections Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Chhattisgarh election  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी, एग्जिट पोल में किन 5 वजहों से हारती दिख रही BJP?

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी, एग्जिट पोल में किन 5 वजहों से हारती दिख रही BJP?

Chhattisgarh Exit Polls: 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों के साथ भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार बनाई थी.

मोहन कुमार
छत्तीसगढ़ चुनाव
Published:
<div class="paragraphs"><p>छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: क्या कहते हैं एग्जिट पोल?</p></div>
i

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: क्या कहते हैं एग्जिट पोल?

(फोटो: क्विंट)

advertisement

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) के नतीजे तीन दिसंबर को आएंगे. लेकिन इससे पहले गुरुवार, 30 नवंबर को एग्जिट पोल जारी हो गए हैं. जिसके मुताबिक, छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कांग्रेस बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही है. वहीं बीजेपी की सीटों में इजाफा होता दिख रहा है, लेकिन पार्टी बहुमत के आंकड़े से पीछे है.

चलिए आपको बताते हैं कि छत्तीसगढ़ का एग्जिट पोल क्या कहता है? भूपेश सरकार की वापसी के 5 बड़े कारण क्या हैं?

एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहुमत

9 एग्जिट पोल के पोल ऑफ पोल्स के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार दोबारा सत्ता में वापसी करती दिख रही है, जबकि बीजेपी बहुमत से दूर नजर आ रही है. पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक, कांग्रेस को 45-54 सीटें तो वहीं बीजेपी को 34-43 सीटें मिल रही हैं. अन्य के खातों में 1-4 सीटें आ सकती हैं. 90 विधानसभा सीटों वाले छत्तीसगढ़ में बहुमत का आंकड़ा 46 का है. यानी जो भी पार्टी 46 के जादुई आंकड़े को पार करती है, उसकी सत्ता में वापसी होगी.

इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस और बीजेपी के वोट शेयर में सिर्फ एक प्रतिशत अंतर है. कांग्रेस को कुल वोटों का 42 प्रतिशत और बीजेपी को 41 प्रतिशत मिलने की संभावना है. बीएसपी को 6 फीसदी और अन्य को 11 फीसदी वोट मिल सकते हैं.

अगर, साल 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम की बात की जाए तो उस वक्त 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 15 सीटें, कांग्रेस को 68 सीटें, BSP ने 2 सीटों पर कब्जा किया था, जबकि जेसीसी के खाते में 5 सीटें गईं थीं. कांग्रेस ने 68 सीटों के साथ भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार बनाई थी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कांग्रेस की सत्ता में वापसी के 5 बड़े कारण

1. सत्ता विरोधी लहर नहीं: एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद यह साफ है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी यानी सत्ता विरोधी लहर का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा. एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद यह कहा जा सकता है कि जनता भूपेश बघेल सरकार के काम-काज से खुश है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 7 नवंबर और 17 नवंबर को दो चरणों में 90 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई थी. चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार 75.08 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई थी. वहीं, साल 2018 में 76.69 फीसदी मतदान हुआ था, यानी पिछले साल के मुकाबले यहां 1.61 फीसदी वोटिंग में कमी आई.

ऐसे में चुनावी पैटर्न के मुताबिक अगर किसी राज्य में पिछले चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग होती है, तो ये माना जाता है कि वहां सरकार के प्रति एंटी इनकंबेंसी कम है. यानी सरकार जाने का रिस्क कम हो जाता है.

2. भूपेश बघेल पर भरोसा: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भूपेश बघेल के नाम पर चुनाव लड़ा था. पार्टी ने दोबारा उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया था. हालांकि, बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी लगातार महादेव बेटिंग ऐप घोटाले को लेकर बघेल पर निशाना साधते रहे, लेकिन एग्जिट पोल के बाद कहा जा रहा है कि ये बीजेपी के लिए काम नहीं आया.

क्विंट हिंदी से बातचीत में राजनीतिक विश्लेषक अशोक तोमर कहते हैं कि भूपेश बघेल ने इस चुनाव में छत्तीसगढ़ की अस्मिता का मुद्दा उठाया. इससे ये हुआ कि जो समर्थक पहले कांग्रेस के लिए पूरे उत्साह के साथ काम नहीं कर रहे थे, वो भी बाद में पार्टी के साथ जुड़ गए, जिसका फायदा कांग्रेस को होता दिख रहा है.

मुख्यमंत्री के रूप में अपने पांच साल के कार्यकाल में बघेल ने कई जन-कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं और 'छत्तीसगढ़िया गौरव' को बढ़ावा दिया. वह कांग्रेस के लिए एक प्रमुख ओबीसी चेहरा भी बन गए और हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम में पार्टी के विधानसभा चुनाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

3. किसान कर्ज माफी का मुद्दा: विधानसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री बघेल ने कर्ज माफी का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि अगर राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार बनती है तो किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. कांग्रेस ने 2018 के वादा पूरा करने का भी दावा किया है. सरकार के मुताबिक राज्य के 18.82 लाख किसानों के 9,270 करोड़ रुपये के कृषि ऋण माफ कर दिए हैं.

राजनीतिक जानकारों की माने तो कांग्रेस के लिए किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा एक बार फिर मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ है.

इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों को धान का ₹3200 प्रति क्विंटल मिलेगा. वहीं कांग्रेस ने 'राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना' के तहत 10,000 रुपये सालाना देने का वादा किया है.

4. बीजेपी में नेतृत्व की कमी: छत्तीसगढ़ में बीजेपी के लिए नेतृत्व का मुद्दा लगातार बना हुआ था. 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को तीन बार बदला. वहीं पिछले साल विधानसभा में अपने नेता प्रतिपक्ष को भी बदल दिया.

बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को भी लगभग दरकिनार कर दिया, जो 2003 से 2018 के बीच मुख्यमंत्री रहे थे. वहीं इनके कार्यकाल में सरकार पर नागरिक आपूर्ति घोटाले और चिट फंड घोटाले का आरोप भी लगा था. जिसको लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर थी.

राजनीतिक विश्लेषक अशोक तोमर कहते हैं कि बीजेपी का कोई स्टेट लीडर नहीं था. इसके साथ ही प्रदेश में जो भी पार्टी नेता हैं, उनके बीच भी कॉर्डिनेशन की भी कमी थी.

5. कांग्रेस को मिले SC/ST वोट: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर SC/ST और ओबीसी वोटर्स ने कांग्रेस का साथ दिया है. न्यूज 24- टुडेज चाणक्या के एग्जिट पोल के आंकड़ों पर नजर डालें तो कांग्रेस को 54% SC, 51% ST और 42% OBC वोट मिलते दिख रहे है. वहीं बीजेपी के पक्ष में 37% SC, 38% ST और 40% OBC वोट जाते दिख रहे हैं.

बहरहाल, सभी को अब तीन दिसंबर का इंतजार है. देखना होगा कि एग्जिट पोल के नतीजे कितने बदलते हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस बहुमत के साथ एक बार फिर छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज होती है या फिर बीजेपी और कड़ी टक्कर देती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT