Home Elections घोषणापत्र जारी करते समय सरकार पर राहुल के 4 वार
घोषणापत्र जारी करते समय सरकार पर राहुल के 4 वार
2019 चुनावों के लिए घोषणापत्र जारी करते समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूरे रंग में नजर आए
क्विंट हिंदी
चुनाव
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2019 चुनावों के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करते राहुल, सोनिया और डॉ. मनमोहन सिंह
(फोटो:PTI)
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2019 चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र को लॉन्च करते समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूरे मूड में थे. भाषण से लेकर पत्रकारों के सवालों के जवाब देते समय राहुल गांधी ने बड़ी साफगोई से घोषणापत्र का मर्म समझाया और सरकार पर हमला बोला. 2019 के चुनावों में कांग्रेस ने अपनी जीत का बड़ा दांव NYAY यानी न्यूनतम आय योजना पर लगाया है. इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 5 करोड़ परिवारों को सालाना 72 हजार रुपए देने की योजना है. ये पैसा सीधे लोगों के बैंक खातों में जाएगा. राहुल गांधी ने इस पर घोषणापत्र के ऐलान के समय बात की-
गरीबी पर वार, 72 हजार, पांच साल में 3.60 हजार. मोदी जी ने नोटबंदी, जीएसटी करके इकनॉमी की धज्जियां उड़ा दीं, NYAY से वो जंप स्टार्ट लेगी. मोदी ने मनरेगा को बोगस, बेकार बताया, अब हम मनरेगा में 100 से 150 दिन काम की गारंटी देंगे .
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
घोषणापत्र लॉन्च के समय राहुल ने कार्यक्रम का संचालन कर रहे रणदीप सुरजेवाला से कहा कि सवाल उन सबसे भी पूछे जाने चाहिए जिन्होंने इसे बनाने में योगदान दिया है(फोटो: PTI)
कांग्रेस का दूसरा बड़ा चुनावी वादा है रोजगार। घोषणापत्र जारी करते समय पूर्व वित्त मंत्री और घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन पी चिदंबरम ने बताया कि मोदी जी ने सालाना दो करोड़ नौकरियां देने वादा किया था लेकिन हुआ ये कि पांच साल में 4.70 करोड़ नौकरियां चली गईं. लिहाजा कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मार्च 2020 तक 22 लाख नौकरियां देने का वादा किया है. राहुल ने इसकी जानकारी ट्वीट कर पहले ही दे दी थी लेकिन घोषणापत्र लॉन्च के समय अपने ही अंदाज में इसका ऐलान किया. साथ ही ग्राम पंचायतों में 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया.
मोदी ने 2 करोड़ रोजगार देने का झूठ बोला - मैंने घोषणापत्र बनाने वालों से पूछा- सच में क्या कर सकते हैं? तब पता चला 22 लाख सरकारी नौकरियों के पद खाली पड़े हैं. हम इन्हें मार्च 2020 तक भरेंगे, मैं झूठ नहीं बोलता, मैं 15 लाख नहीं बोलूंगा, मैं 22 लाख बोलूंगा और करूंगा.
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
जब एक पत्रकार ने सोनिया गांधी से कुछ पूछना चाहा तो उन्होंने सवाल लेने से इनकार कर दिया. पूरे समय राहुल ही छाए रहे.(फोटो: PTI)
घोषणापत्र में किसानों के लिए दो बड़े ऐलान हुए। यूपीए की सरकार आई तो रेल बजट की तरह किसानों के लिए अलग बजट आएगा. साथ ही कर्ज न दे पाने वाले किसानों को जेल जाने से बचाने के लिए ऐसे मामलों को क्रिमिनल केस के बजाय सिविल केस माना जाएगा. देखिए इस पर राहुल ने क्या कहा?
किसान को पता होना चाहिए उसे कितना पैसा दिया जा रहा है, MSP कितनी बढ़ाई जाएगी. दूध का दूध और पानी का पानी सब साफ होना चाहिए. तो अलग किसान बजट लाएंगे. करोड़पति बैंक लोन लेते हैं, चोरी करके भाग जाते हैं लेकिन जो किसान हैं, ईमानदार लोग हैं, वो बैंक लोन लेते हैं और पैसा वापस नहीं दे पाते हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाता है. हमने फैसला किया है उसको अब क्रिमिनल ऑफेंस न माना जाए. ये सिविल ऑफेंस होगा.
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
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घोषणापत्र को पूरा करने में पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह की भी भूमिका रही. उनकी राय का भी घोषणापत्र में ख्याल रखा गया.(फोटो: PTI)
जब एक पत्रकार ने पूछा कि आप तो किसान, रोजगार, न्याय की बात कर रहे हैं लेकिन मोदी जी तो राष्ट्रवाद को मुद्दा बना रहे हैं तो राहुल गांधी ने कहा कि असल मुद्दे तो किसान, रोजगार और महिलाओं की मदद ही है. मोदी जी असल मुद्दों पर बात करने से डरते हैं, डिबेट से बचते हैं.
यूथ को रोजगार देने, किसानों की मदद करने, महिलाओं की मदद करने की जरूरत है.नरेंद्र मोदी जी छिप रहे हैं, डरे हुए हैं, सच्चा डिबेट नहीं करना चाहते, मैं फिर से दोहरा रहा हूं. भ्रष्टाचार पर मुझसे डिबेट करें, राष्ट्रीय सुरक्षा पर मेरे से डिबेट करें, चैलेंज देता हूं मोदी जी को. मैं आपसे पूछता हूं प्रधानमंत्री जी ऐसे (मेरी तरह) आपसे क्यों नहीं बात करते. आपसे (मीडिया से) डरते क्यों हैं, आप पीएम से क्यों नहीं पूछते हो कि आप प्रेस कॉन्फ्रेंस में आने से क्यों डरते हो?
राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी ने ये भी कहा कि ये घोषणा पत्र उनके और कांग्रेस के मन की बात नहीं है, बल्कि ये जन की बात है. इसकी एक-एक लाइन वही है जो देश की जनता ने हमें बताया.